नई दिल्ली. पाकिस्तान (Pakistan) और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उसके द्वारा पाले जा रहे आतंकवादी कभी उसके लिए सबसे बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं. यही कारण है कि उसने आतंकवादियों को अपनी खुफिया एजेंसी द्वारा अपनाई जा रही हर तरकीब सिखाई और अब यही तरकीब आतंकवादी संगठन पाकिस्तान पर ही लागू कर रहे हैं. इनमें सबसे बड़ी तरकीब आत्मघाती हमला है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में अपने संबोधन में, पाकिस्तान के दूत मुनीर अकरम ने टीटीपी (TTP) को “पाकिस्तान के लिए तत्काल और बड़ा खतरा” बताया. उन्होंने विस्तार से बताया कि टीटीपी ने अफगानिस्तान में विदेशी सेनाओं द्वारा छोड़े गए उन्नत सैन्य उपकरणों को हासिल कर लिया है और उनका उपयोग कर रहा है.
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दिलचस्प बात यह है कि अफगानिस्तान (Afghanistan) में अमेरिकी सेना (US Army) द्वारा सैकड़ों करोड़ रुपये के हथियार गोला बारूद छोड़े गए थे जिसका उपयोग इस आतंकवादी संगठन द्वारा किया जा रहा है. बिना तालिबान की मिली भगत से इनका उपयोग हो ही नहीं सकता.
पाकिस्तान के विशेष दूत ने अपने संबोधन में पड़ोसी देश अफगानिस्तान पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि टीटीपी सीमा पार हमलों के लिए अफगान क्षेत्र को लॉन्चिंग बिंदु के रूप में उपयोग कर रहा है.
अकरम ने आगे कहा कि टीटीपी की ओर से लगातार आत्मघाती हमले भी किया जा रहे हैं और हमले के दौरान उसकी सेवा और सुरक्षा बलों के सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं. साथ ही निर्दोष नागरिकों की भी हत्याएं हो रही हैं. अकरम ने अफगानिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान में जो आत्मघाती हमले हुए उनमें आत्मघाती हमलावरों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अफगान नागरिक थे.
पाकिस्तान के राजदूत के मुताबिक इस बारे में अफगानिस्तान से कई चरणों में चर्चा हुई और इस चर्चा के दौरान अफगान तालिबान ने टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई करने और समूह को सीमा पार हमले करने से रोकने की प्रतिबद्धता जताई है.
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FIRST PUBLISHED : September 27, 2023, 15:54 IST