हाइलाइट्स
पाकिस्तान में 8 फरवरी को होगा आम चुनाव.
पाकिस्तान के आम चुनाव में 47 अरब रुपये के खर्च का अनुमान.
इस्लामाबादः आर्थिक संकटों से जूझ रहे पाकिस्तान के सामने अब एक और नई चुनौती पैदा हो गई है. अगली साल होने वाले आम चुनाव के खर्च को लेकर पाकिस्तान जुगाड़ में जुटा हुआ है. अरबों-खरबों रुपये के कर्ज में दबे पाकिस्तान की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. पाकिस्तान इन दिनों वर्ल्ड बैंक से लेकर अन्य बड़े देशों से कर्ज लेने की कोशिश में जुटा हुआ है. इस बीच फरवरी में होने वाले आम चुनाव के खर्च ने पाकिस्तान की पेरशानियों को और बढ़ा दिया है.
इस बार होने वाले आम चुनाव में करीब 47 अरब रुपये की जरूरत है, लेकिन अभी तक केवल 27 अरब रुपये की ही व्यवस्था हो पाई है. पाकिस्तान सरकार ने मंगलवार को कहा कि उसने आगामी आम चुनावों के लिए निर्वाचन आयोग को 17.4 अरब रुपये जारी किए हैं. एक दिन पहले निर्वाचन आयोग ने धन मुहैया नहीं कराने पर चिंता जताई थी. राजनीतिक और आर्थिक दोनों तरह की अस्थिरता का सामना कर रहे पाकिस्तान में आठ फरवरी को आम चुनाव होना है.
मंगलवार को एक बयान में, वित्त विभाग ने कहा कि उसने देश में आम चुनाव कराने के लिए जुलाई 2023 में जारी किए गए 10 अरब रुपये के अलावा पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) को 17.4 अरब रुपये जारी किए हैं. बयान में कहा, ‘इससे आम चुनाव कराने के लिए कुल जारी राशि 27.4 अरब रुपये हो गई है. वित्त विभाग पाकिस्तान निर्वाचन आयोग द्वारा आवश्यकता पड़ने पर और धन का प्रावधान करने के लिए प्रतिबद्ध है.’
यह घटनाक्रम ऐसे वक्त हुआ है, जब निर्वाचन आयोग ने चुनाव कराने के लिए तत्काल आवश्यक राशि जारी करने में देरी पर चिंता जताई थी. निर्वाचन आयोग की चिंताओं का समाधान करते हुए कार्यवाहक सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी ने कहा था कि सरकार 8 फरवरी के आम चुनाव से पहले ईसीपी की वित्तीय जरूरतों को पूरा करेगी. पिछले हफ्ते, निर्वाचन आयोग ने आगामी आम चुनावों में देरी के बारे में मीडिया की खबरों को ‘निराधार और भ्रामक’ करार देते हुए खारिज कर दिया.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, चुनाव में देश को 47 अरब रुपये खर्च होंगे. चुनाव कराने के लिए तत्काल आवश्यक धन की देरी पर चिंता के बाद, पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने पोल वॉचडॉग को “एक या दो दिन में” 17 अरब रुपये जारी करने का आश्वासन दिया है. वित्त सचिव इम्दादुल्ला बोसाल को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए ईसीपी में बुलाए जाने के बाद मंगलवार को पैसा वितरित किया गया. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि मौजूदा वित्तीय संकट के बीच वित्त मंत्रालय के पास धन की कमी हो रही है.

हालांकि, कार्यवाहक सूचना एवं प्रसारण और संसदीय कार्य मंत्री मुर्तजा सोलांगी ने ईसीपी की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में किसी भी संकट से इनकार किया. सोलांगी ने एक्स पर लिखा, “ईसीपी की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने पर कोई संकट नहीं है. ईसीपी को जो भी बजटीय राशि की जरूरत होगी, उसे उसकी जरूरतों के अनुसार जारी किया जाएगा.”
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FIRST PUBLISHED : December 6, 2023, 08:32 IST