पाकिस्‍तानी सेना के खिलाफ मोर्चा खोलकर फंसे आरिफ अल्‍वी, अब राष्ट्रपति पद से देना होगा इस्तीफा!

इस्‍लामाबाद. पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को वहां सेना के खिलाफ मोर्चा खोलना भारी पड़ता दिख रहा. खबर है कि उन्हें राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के लिए कहा गया. पाकिस्तानी समाचार वेबसाइट न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट में बताया गया है चुनाव कार्यक्रम जारी होने के बाद पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को अपनी भूमिका से हटने और अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में काम करने के लिए कहा गया है. इसका मतलब है कि पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार देश में एकसाथ अंतरिम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री होगा. खबर के मुताबिक, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी का कार्यकाल अगले सप्ताह समाप्त हो जाएगा और उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई करने से पहले उन्हें स्वेच्छा से इस्तीफा देने के लिए कहा जाएगा.

समाचार आउटलेट ने कहा कि राष्ट्रीय मामलों में उनकी भूमिका सीमित होगी. इसमें यह भी कहा गया कि राष्ट्रपति को बताया गया है कि वह राष्ट्रीय महत्व के मामलों में तभी भूमिका निभाएंगे जब यह अत्यंत आवश्यक हो और ऐसे संकेत हैं कि संघीय सरकार उनसे ऐसा चाहती है. नए राष्ट्रपति का चुनाव होने तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति अपने पद पर बने रह सकते हैं, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में अंतरिम प्रारूप में ही सही, संवैधानिक कार्यकाल पूरा होने के बाद भी आरिफ़ अल्वी पद पर बने रहेंगे.

राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी जा सकती
चूँकि वहां कोई प्रांतीय विधानसभाएं नहीं हैं, क्योंकि सभी को भंग कर दिया गया है, इसलिए नए राष्ट्रपति का चुनाव फिलहाल नहीं किया जा सकता है. नेशनल असेंबली भी भंग है, इसलिए राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी जा सकती. आरिफ़ अल्वी ने उन सुझावों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी कि उन्हें अंतरिम राष्ट्रपति नियुक्त किया जाएगा. अखबार ने कहा कि आम चुनाव कार्यक्रम जारी होने के बाद आरिफ अल्वी अपने कर्तव्यों से सेवानिवृत्त होने की कार्ययोजना जारी करेंगे.

पाकिस्‍तानी सेना के खिलाफ मोर्चा खोलकर फंसे आरिफ अल्‍वी, अब राष्ट्रपति पद से देना होगा इस्तीफा!


चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट ने दिया था अल्‍टीमेटम

पाकिस्तान में आम चुनाव का मुद्दा सरकार के सभी स्तरों के लिए चिंता का कारण बन गया है. पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने देश के चुनाव आयोग से कहा है कि वह संविधान का उल्लंघन न करे और नेशनल असेंबली भंग होने के 90 दिनों के भीतर चुनाव कराए. अगर देश का चुनाव आयोग टाइमलाइन का पालन करता है तो नवंबर में चुनाव होंगे. लेकिन चुनाव निकाय परिसीमन प्रक्रिया को पूरा करना चाहता है जिसके बाद जनवरी 2024 के अंत में चुनाव कराए जाएंगे.

Tags: Islamabad News, Pakistan, Pakistan army

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