पांचवें और छठे वेतनमान के केंद्रीय कर्मचारियों का DA बढ़ा: दिसंबर से 9 से 15% बढ़कर मिलेगी सैलरी, जुलाई-नवंबर के बीच का एरियर भी मिलेगा

नई दिल्ली13 घंटे पहले

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महंगाई भत्ता ऐसा पैसा है जो महंगाई बढ़ने के बावजूद सरकारी कर्मचारियों के जीवन स्तर को बनाए रखने के लिए दिया जाता है। -सिम्बॉलिक इमेज - Dainik Bhaskar

महंगाई भत्ता ऐसा पैसा है जो महंगाई बढ़ने के बावजूद सरकारी कर्मचारियों के जीवन स्तर को बनाए रखने के लिए दिया जाता है। -सिम्बॉलिक इमेज

केंद्र सरकार ने 5वें और 6वें वेतन आयोग के अनुसार सैलरी पाने वाले केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA) बढ़ाने का ऐलान किया है। सेन्ट्रल पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज (CPSE) में काम कर रहे इन कमर्चारियों के DA में ये बढ़ोतरी 1 जुलाई 2023 से प्रभावी होगी।

इन कर्मचारियों के DA में 15% से 18% तक का इजाफा किया गया है, जिससे इनकी सैलरी में बढ़ जाएगी। वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेस ने एक ऑफिस मेमोरेडम जारी कर इसकी घोषणा की है। इस फैसले के बाद कर्मचारियों को दिसंबर से बढ़ी हुई सैलरी मिलेगी। इसमें जुलाई और नवंबर के बीच की अवधि का एरियर भी शामिल होगा।

5वें वेतन आयोग के तहत DA में बढ़ोतरी
CDA पैटर्न पे स्‍केल पर 5वें वेतन आयोग के तहत CPSE कर्मचारियों के वेतन में इजाफा किया गया है। इन कर्मचारियों को दो पार्ट में डिवाइड किया गया है। पहले वे कर्मचारी, जिन्‍होंने 50% DA मर्जर का लाभ नहीं लिया है। उनके DA को 462% से बढ़ाकर 477% कर दिया गया है। दूसरी कैटेगरी में 50% DA मर्जर का लाभ लेने वाले कर्मचारियों का DA 412% से बढ़ाकर 427% कर दिया गया है।

6वें वेतन आयोग के तहत DA में बढ़ोतरी
ऑफिस मेमोरेडम में कहा गया कि 6वें वेतन आयोग के पूर्व संशोधित वेतनमान या ग्रेड वेतन पाने वाले CPSE के कर्मचारियों के लिए मौजूदा महंगाई भत्ता 212% से बढ़ाकर 230% कर दिया है, यानी DA में 18% का इजाफा किया गया है। इससे कर्मचारियों की सैलरी में 7,000 रुपए तक इजाफा हो सकता है।

7वें वेतनमान के कर्मचारियों का बढ़ा था DA
इससे पहले सरकार ने 18 अक्टूबर को 7वें वेतन आयोग के अनुसार सैलरी पाने केंद्रीय कर्मचारियों का DA 4% बढ़ाकर 46% कर दिया था। इसका सीधा फायदा करीब 48.67 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनर्स को होगा।

कर्मचारियों को नवंबर से बढ़ी हुई सैलरी मिलेगी। इसमें जुलाई और अक्टूबर के बीच की अवधि का एरियर भी शामिल होगा। इस फैसले से सरकार पर हर साल 12,857 करोड़ रुपए का भार आएगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी।

DA बढ़ने के बाद कितना फायदा होगा?
बेसिक सैलरी में ग्रेड सैलरी को जोड़ने के बाद जो सैलरी बनती है, उसमें महंगाई भत्ते की दर का गुणा किया जाता है। जो नतीजा आता है, उसे ही महंगाई भत्ता यानी डिअरनेस अलाउंस (DA) कहा जाता है। यानी, (बेसिक पे + ग्रेड पे) × DA % = DA अमाउंट

इसे एक उदाहरण से समझते हैं, मान लीजिए बेसिक सैलरी 10 हजार रुपए और ग्रेड पे 1000 रुपए है। दोनों को जोड़ने पर टोटल 11 हजार रुपए हुआ। 11 हजार रुपए का 46% निकालने पर 5,060 रुपए हुआ। सबको जोड़कर 16,060 रुपए हुए। अब 42% DA के हिसाब से इसका कैलकुलेशन देखते हैं। 11 हजार रुपए का 42% होता है 4620 रुपए। 11000 + 4620 = 15,620 रुपए होता है। यानी 4% DA बढ़ने के बाद हर महीने कर्मचारियों को 420 रुपए का फायदा होगा।

जीवन स्तर को बनाए रखने के लिए दिया जाता है भत्ता
महंगाई भत्ता ऐसा पैसा है जो महंगाई बढ़ने के बावजूद सरकारी कर्मचारियों के जीवन स्तर को बनाए रखने के लिए दिया जाता है। यह पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है। महंगाई भत्ता साल में दो बार बढ़ाया जाता है।

इसका कैलकुलेशन देश की मौजूदा महंगाई के अनुसार हर 6 महीने पर किया जाता है। इसकी गणना संबंधित वेतनमान के आधार पर कर्मचारियों के मूल वेतन के अनुसार की जाती है। महंगाई भत्ता शहरी, अर्ध-शहरी या ग्रामीण क्षेत्र के कर्मचारियों का अलग-अलग हो सकता है।

महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन कैसे होता है?
महंगाई भत्ता निर्धारण के लिए एक फॉर्मूला दिया गया है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए ये फॉर्मूला है [(पिछले 12 महीने के ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) का औसत – 115.76)/115.76]×100।

अब अगर PSU (पब्लिक सेक्टर यूनिट्स) में काम करने वाले लोगों के महंगाई भत्ते की बात की जाए तो इसके कैलकुलेशन का तरीका यह है- महंगाई भत्ता प्रतिशत= (बीते 3 महीनों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का औसत (बेस ईयर 2001=100)-126.33))x100

ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स क्या है?
भारत में दो तरह की महंगाई होती है। एक रिटेल यानी खुदरा और दूसरा थोक महंगाई होती है। रिटेल महंगाई दर आम ग्राहकों की तरफ से दी जाने वाली कीमतों पर आधारित होती है। इसको कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) भी कहते हैं।

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