रोहित भट्ट/ अल्मोड़ा. आमतौर पर आपने गली-मोहल्ले, छोटे-बड़े मैदान या फिर स्टेडियम में क्रिकेट खेलते हुए खिलाड़ियों को देखा होगा, लेकिन उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में ज्यादातर सीढ़ीदार खेतों में क्रिकेट खेला जाता है. इन्हीं खेतों में क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन कराया जाता है, जो युवा खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारते हैं और उन्हें आगे बढ़ने का मौका देते हैं. वर्तमान में अल्मोड़ा के कई ग्रामीण क्षेत्रों में क्रिकेट टूर्नामेंट चल रहा है, जिसमें अल्मोड़ा समेत अलग-अलग इलाकों की टीमें हिस्सा ले रही हैं. सीढ़ीदार खेतों में खेलने का अपना मजा है. यहां बाउंड्री स्कोर के अलग नियम होते हैं. प्लेयर फील्डिंग के लिए ऊपर-नीचे तैनात होते हैं. यह दिखने में जरूर आसान लगता हो लेकिन होता नहीं है.
अल्मोड़ा के क्रिकेटर धर्मेंद्र बिष्ट को लोग प्यार से धोनी बुलाते हैं. वह इसी नाम से मशहूर हैं. उन्होंने कहा कि वह कई साल से क्रिकेट खेल रहे हैं. वह स्टेडियम के साथ-साथ पहाड़ों के सीढ़ीदार खेतों में भी क्रिकेट खेलते हैं. ये सीढ़ीदार खेत हमारे लिए मिनी स्टेडियम हैं. ग्रामीण इलाकों के युवा खेलने के लिए शहर में बने स्टेडियम तो नहीं जा सकते, पर वे इन खेतों में खेलकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हैं. मैदान में तो फील्डिंग और कैच करना आसान होता है, पर यहां नहीं. सीढ़ीदार खेत होने के बावजूद खिलाड़ियों का जोश और भी दोगुना देखने को मिलता है.
सीढ़ीदार खेतों में खेलने के फायदे
क्रिकेटर विकास फर्त्याल ने कहा कि सीढ़ीदार खेतों में खेलने से कई फायदे हैं, सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि आप फील्डिंग करते समय बॉल के पीछे एक खेत से दूसरे खेत में दौड़ लगाते हैं, जिससे आपकी फिटनेस ठीक होती है और एक्यूरेसी सुधरती है. दरअसल मैदान में खिलाड़ियों को बॉल आसानी से दिख जाती है, जिससे फील्डर बॉल पर ठीक फोकस रख पाते हैं, पर सीढ़ीदार खेत में इसके उलट देखने को मिलता है. खिलाड़ियों को एक खेत से दूसरे खेत में जाकर बॉल पकड़नी पड़ती है, जिस वजह से सीढ़ीदार खेत में खेलने का अपना अलग ही मजा है. वहीं स्टेडियम की तरह बेहतर तो नहीं, पर फिर भी खेतों की पिच बैटिंग और बॉलिंग के लिए ठीक होती हैं.
सील गांव में चल रहा क्रिकेट टूर्नामेंट
बता दें कि अल्मोड़ा के बाड़ेछीना के सील गांव में इस समय क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया गया है. इसमें कई इलाकों की टीमों ने हिस्सा लिया है. आयोजक मोहित नेगी ने कहा कि वह कई साल से सीढ़ीदार खेतों में क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन करा रहे हैं. कई इलाकों की टीमें इसमें प्रतिभाग करती हैं. पहाड़ के युवाओं की प्रतिभा निखारने में इस तरह के टूर्नामेंट काफी मददगार साबित होते हैं. वे अपने खेल से सभी का ध्यान आकर्षित करते हैं और फिर उन्हें किसी न किसी तरह आगे बढ़ने का मौका मिलता है.
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FIRST PUBLISHED : January 24, 2024, 12:08 IST