सृजित अवस्थी/ पीलीभीत: बीते कुछ सालों में पीलीभीत में पर्यटकों की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिला है. टाइगर रिजर्व के साथ के कई और तमाम टूरिस्ट स्पॉट पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं. पीलीभीत में का चूका बीच पर्यटको को गोवा का अनुभव करा रहा है. ऐसे में कई उद्योगपति यहां निवेश कर रहे हैं.
इको टूरिज्म के लिहाज से देखा जाए तो उत्तरप्रदेश का पीलीभीत जिले को सबसे मुफीद माना जाता है. वहीं अगर पीलीभीत की बात करें तो ये शहर यूपी के साथ ही साथ पूरे उत्तर भारत में तेजी से उभरता टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनता जा रहा है. यहां सैर के लिए आने वाले पर्यटकों के आंकड़ों में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. यही कारण है कि पीलीभीत में पर्यटन उद्योग भी तेजी से विकसित हो रहा है. हाल ही में पीलीभीत में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में पर्यटन से जुड़े तकरीबन 38 करोड़ की लागत के प्रोजेक्ट धरातल पर उतरे हैं.
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
इसमें अधिकांश प्रोजेक्ट होमस्टे व रिजॉर्ट से जुड़े हैं. साथ ही साथ पीलीभीत टाइगर रिजर्व से सटे इलाकों में दो फार्म स्टे भी बनाया जा रहा है. वहीं पीलीभीत टाइगर रिजर्व के समीप स्थित कलीनगर कस्बे में तकरीबन 1.5 करोड़ रुपए की लागत से एक एम्यूजमेंट पार्क का निर्माण कार्य कराया जा रहा है. अधिकारियों की मानें तो इन प्रोजेक्ट्स में तकरीबन 300 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से वहीं अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा. इसके साथ ही इन सब गतिविधियों से पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद की जा रही है.
पीलीभीत में पर्यटन की अपार संभावनाएं
अधिक जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर इंडस्ट्रीज आत्मदेव शर्मा ने बताया कि बीते वर्षों में पर्यटन का ग्राफ तेजी से बढ़ा है. वहीं पर्यटन के क्षेत्र में निवेश भी बढ़ा है. हाल फिलहाल तकरीबन 38 करोड़ की लागत के प्रोजेक्ट धरातल पर उतर गए हैं. वहीं कुछ अन्य प्रोजेक्ट भी जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है.
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FIRST PUBLISHED : February 23, 2024, 14:29 IST