मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर होने की वजह से न केवल आम नागरिक और व्यापारी सुरक्षित महसूस कर रहे हैं बल्कि राज्य देश में निवेश के पसंदीदा गंतव्य के रूप में भी उभरा है।
मुख्यमंत्री ने लोकभवन सभागार में आयोजित एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) के 51 हजार करोड़ के मेगा ऋण वितरण समारोह में कहा ‘‘हम वर्ष 2024 में प्रवेश कर चुके हैं। इन पौने सात वर्षों में प्रदेश छठी-सातवीं अर्थव्यवस्था से ऊपर उठकर आज देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन गया है। साथ ही प्रदेश सर्वाधिक वृद्धि दर और आर्थिक विकास दर के साथ देश में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।’’
एक सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने दावा किया कि आज उत्तर प्रदेश की प्रगति देखकर हर देशवासी खुश है लेकिन वर्ष 2017 से पहले यहां निराशा, हताशा और अराजकता का माहौल था।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर होने की वजह से न केवल आम नागरिक और व्यापारी सुरक्षित महसूस कर रहे हैं बल्कि राज्य देश में निवेश के पसंदीदा गंतव्य के रूप में भी उभरा है।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा ‘‘एमएसएमई ने उत्तर प्रदेश को एक नई पहचान दी है। सरकार की ‘एक जिला एक उत्पाद’ योजना ने परंपरागत उद्यमियों को नई दिशा दी है। पहले ये लोग हताश और निराश होकर पलायन करने को मजबूर होते थे क्योंकि उनकी कोई सुनवाई नहीं होती थी।
आज ये उद्यमी नए उत्साह से काम कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि केवल कॉफी टेबल बुक तक ही सीमित नहीं रहना है बल्कि हर जिले के उत्पाद का डाक टिकट भी जारी होना चाहिये ‘‘क्योंकि इससे हमें वैश्विक पहचान मिलेगी।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले के उत्पाद की ग्रेडिंग भी होनी चाहिए ताकि अच्छे उत्पाद की जानकारी दी जा सके।।
उन्होंने कहा कि ‘एक जिला एक उत्पाद’ के अलावा उत्तर प्रदेश विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना और प्लेज पार्क योजना शुरू करने वाला पहला राज्य है।
इससे प्रदेश में एमएसएमई यूनिट में बढ़ोतरी हुई है और आज इनकी संख्या करीब 96 लाख है।
उन्होंने बैंकों से छोटे कारोबारियों को उनकी मांग के मुताबिक पूरा ऋण देने की अपील करते हुए कहा ‘‘छोटी पूंजी डूबती नहीं है। ऋण से उनका कारोबार बढ़ेगा, बैंक प्रणाली के प्रति उनका विश्वास बढ़ेगा और प्रदेश खुशहाल बनेगा।’’
कार्यक्रम में मंत्री राकेश सचान, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, आईआईडीसी मनोज कुमार सिंह, एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद आदि उपस्थित थे।
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