परमजीत कुमार/ देवघर. हिंदू धर्म में जितिया पर्व का काफी महत्व है. महिलाएं पुत्र प्राप्ति और उसकी लंबी उम्र के लिए यह व्रत करती है. इस पर्व को काफी विधि विधान के साथ किया जाता है. इस व्रत को फलदायी माना गया है. लेकिन जो महिला इस साल पहली बार व्रत करने की सोच रही हैं उन्हें बैद्यनाथ धाम के तिर्थपुरोहित ने सावधान किया है. बैद्यनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित व ज्योतिषाचार्य बाबा प्रमोद श्रृंगारी ने लोकल 18 को बताया कि जो महिला इस साल पहली बार जितिया व्रत करने की सोच रही हैं वह बिल्कुल भी पर्व ना करें. क्योंकि इस साल मलमास पड़ा था और जिस साल मलमास होता है उस साल किसी भी व्रत की शुरुआत नहीं की जाती है. ऐसा करने से अशुभ प्रभाव पड़ता है. उन्होंने कहा कि जो महिला पहले से व्रत करती आ रही हैं वे यथावत कर सकती हैं.
प्रमोद श्रृंगारी के बताया कि बताया कि इस साल जितिया व्रत की शुरुआत 05 अक्टूबर से हुई है. जो 07 अक्टूबर तक चलने वाला है. 05 अक्टूबर को नहाए खाए हैं. 06 अक्टूबर को व्रत रखा जाएगा और 07 अक्टूबर को जितिया व्रत का पारण होगा. कई महिलाएं जितिया व्रत फल जल ग्रहण करके करती है तो कई निर्जला उपवास करती है. हालांकि जितिया में निर्जला व्रत का ही महत्व है.
जितिया व्रत का सही तरीका
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि जितिया के नहाय खाए के दिन व्रतियों को बिना लहसन-प्याज के बने भोजन ग्रहण करना चाहिए. वहीं अष्टमी तिथि शुरू होने के साथ व्रत शुरू हो जाता है. उस दिन जीमुतवाहन की पूजा जाती है. पूजा के दौरान सरसों का तेल और खल्ली चढ़ाना ना भूलें. वहीं पारण करने के बाद वह तेल बच्चों के सिर पर लगाया जाता है. वहीं व्रत के दौरान मन बिल्कुल सात्विक होना चाहिए और अगर निर्जला व्रत का संकल्प ले लेते हैं तो भूल कर भी जल ग्रहण न करें. इसे अशुभ प्रभाव पड़ता है. अगले दिन पारण गाय के घी के साथ करना चाहिए. इससे जितिया पर्व का व्रत शुभ माना जाता है.
व्रत व पारण का सही समय
6 अक्टूबर की सुबह 4 बजे से अष्टमी तिथि प्रारंभ हो रही है. इसके साथ ही व्रति का निर्जला व्रत प्रारंभ हो जाएगा और अगले दिन यानी 07 अक्टूबर सुबह 10 बजकर 20 मिनट तक व्रत में रहेगी. महिलाएं 7 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 36 मिनट पर पारण करें. इस साल जितिया का व्रत कुल 28 घंटे का रहने वाला है.
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FIRST PUBLISHED : October 5, 2023, 14:00 IST