पसंद के वकील से सलाह… हाईकोर्ट में क्या बोली संसद सुरक्षा तोड़ने की आरोपी नीलम?

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में 13 दिसंबर के संसद सुरक्षा चूक मामले में गिरफ्तार आरोपी नीलम आजाद ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया और आरोप लगाया कि उसकी पुलिस हिरासत अवैध है क्योंकि निचली अदालत में सुनवाई के दौरान उसे बचाव करने के लिए पसंद के वकील से परामर्श लेने की अनुमति नहीं दी गई.

याचिका में उसे उच्च न्यायालय के समक्ष पेश करने का निर्देश देने के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट जारी करने के साथ ‘उसे स्वतंत्र करने’ का आदेश देने का अनुरोध किया गया है.

याचिका में नीलम आजाद ने कहा कि उसे अपनी पसंद के वकील से परामर्श करने की अनुमति नहीं देना संविधान के तहत उसके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है, जिससे हिरासत आदेश गैर-कानूनी हो जाता है. निचली अदालत ने उसे पांच जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेजा है.

उच्च न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष बृहस्पतिवार को मामले को तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेखित किये जाने की संभावना है.

बता दें, 13 दिसंबर, 2001 को संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया था. इस दौरान सागर शर्मा और मनोरंजन डी. नामक दो व्यक्ति शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे और नारे लगाते हुए एक ‘केन’ से पीली गैस छोड़ी थी. हालांकि, कुछ सांसदों ने इन दोनों को पकड़ लिया था.

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लगभग इसी समय दो अन्य व्यक्तियों (अमोल शिंदे और नीलम आजाद) ने कथित तौर पर संसद भवन परिसर के बाहर ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ का नारा लगाते हुए ‘केन’ से रंगीन गैस छोड़ी थी.

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