अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता में एक रैली में कहा “पहले चोर जेल जाते थे, अब बीजेपी में जाते हैं, यह मोदी की गारंटी है. दूसरी तरफ एक महिला है, वह अब भी टिन की छत वाले घर में रहती है और हवाई चप्पल पहनती है. बंगाल किसे चाहता है? मोदी या दीदी? बंगाल के धरती पुत्र या बाहरी लोग?”
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उनके समर्थकों के साथ-साथ राजनीतिक हलकों में भी सम्मान देते हुए दीदी कहा जाता है.
तृणमूल अक्सर बीजेपी को “बंगाल विरोधी” पार्टी बताते हुए उस पर निशाना साधती रही है. खास तौर पर 2019 के चुनावों के बाद पश्चिम बंगाल में बीजेपी का आधार बढ़ने के बाद टीएमसी उस पर निशाना साधती रही है.
बीजेपी ने पिछले लोकसभा चुनाव में बंगाल की 42 में से 18 सीटें हासिल की थीं, जो कि पूर्व के इस राज्य में उसकी अब तक की सबसे अधिक सीटें थीं. साल 2021 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी सीपीएम और कांग्रेस को दरकिनार करते हुए 77 सीटों के साथ मुख्य विपक्षी दल बनकर उभरी.
तृणमूल कांग्रेस ने आज ‘जोनोगोनर गोरजोन बांग्ला बिरोधिडर बिसोर्जोन’ अभियान शुरू किया, जिसका हिंदी में अर्थ है ‘लोग बंगाल विरोधी ताकतों को हटाने की मांग करते हैं.’ इससे साफ है कि टीएमसी मानती है कि बीजेपी “बंगाल विरोधी” है और वह यही प्रचारित करने की मंशा रखती है.
टीएमसी ने एक ऑनलाइन पोस्ट में कहा, “उन्होंने लगातार बंगाल विरोधी रवैया प्रदर्शित किया, बंगाल के लोगों को रोटी, कपड़ा, मकान जैसी बुनियादी जरूरतों से वंचित रखा और बंगाल की आवाज को दबाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग किया.”
टीएमसी ने केंद्र की बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर बंगाल के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया. उसने कहा कि “बीजेपी के हर काम में बंगाल विरोधी लक्षण दिखते हैं.”
तृणमूल कांग्रेस ने कहा, “पिछले 10 साल, बंगाल के बाहर के इन अधिपतियों की ओर से मनगढ़ंत और अक्सर हिंसक साजिशों के जरिए राज्य और इसके लोगों की छवि को खराब करने के लगातार प्रयास इसके गवाह हैं.”
तृणमूल ने कहा है कि ममता बनर्जी बीजेपी नेताओं के “अपशब्दों” के बावजूद बिना किसी डर के लड़ रही हैं और लोग बीजेपी को हराने के लिए दृढ़ हैं. पार्टी ने कहा, “बीजेपी नेता लगातार देश की एक मात्र महिला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मजाक उड़ाते हैं, उनका अपमान करते हैं और उनकी निंदा करते हैं. हालांकि, वे लोगों के लिए बिना किसी डर के लड़ना जारी रखे हैं.”