पश्चिमी विक्षोभ कर सकता है जम्मू-कश्मीर को प्रभावित , हो सकती है हल्की बर्फबारी

जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को पश्चिमी विक्षोभ का असर रह सकता है और ऊंचे इलाकों में कहीं कहीं हल्की बर्फबारी होने की भी संभावना है। मौसम विभाग ने यह जानकारी दी।
बादल छाए रहने के कारण कश्मीर में न्यूनतम तापमान में मामूली वृद्धि हुई है।
कमजोर पश्चिमी विक्षोभ शुक्रवार और 17 जनवरी की शाम को जम्मू-कश्मीर को प्रभावित कर सकता है। मौसम विभाग ने कहा कि इन पश्चिमी विक्षोभों के प्रभाव के कारण आमतौर पर बादल छाए रहेंगे और ऊंचे इलाकों में कहीं कहीं पर हल्की बर्फबारी होने की संभावना है।
कश्मीर में शुष्क सर्दी के कारण रात में जमा देने वाली ठंड पड़ रही है, हालांकिदिन अपेक्षाकृत गर्म हैं। घाटी में रात का तापमान शून्य से नीचे बना हुआ है।
बृहस्पतिवार रात श्रीनगर में न्यूनतम तापमन शून्य से चार डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

यह तापमान पिछली रात से एक डिग्री अधिक है।
कांजीगुंद में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। गुलमर्ग के स्की रिजॉर्ट में न्यूनतम तापमान शून्य से 3.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
कोकेरनाग में न्यूनतम तापमान शून्य से 2.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि कुपवाड़ा में यह शून्य से 4.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

कश्मीर वर्तमान में चिल्ला-ए-कलां की चपेट में है, जो 40 दिनों की कठोर सर्दियों की अवधि है। इस दौरान क्षेत्र में शीत लहर चलती है और तापमान में काफी गिरावट आती है, जिससे जल निकायों के साथ-साथ पाइपों में भी पानी जम जाता है। इस दौरान बर्फबारी की संभावना अधिक होती है और ज्यादातर इलाकों में, खासकर ऊंचाई वाले इलाकों में खूब बर्फबारी होती है।
चिल्ला-ए-कलां 31 जनवरी को खत्म हो जाएगा। हालांकि, उसके बाद 20 दिन के चिल्ला-ए-खुर्द और 10 दिन के चिल्ला-ए-बच्चा के साथ ठंड की स्थिति बनी रहेगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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