आशुतोष तिवारी/रीवा: बीते दो-तीन वर्षों से रीवा जिले का किसान ऐरा पशुओं से खासा परेशान है. खेत में इन पशुओं की चहलकदमी ने किसानों का जीना हराम कर दिया है. इन पशुओं के आतंक से लगभग 40 प्रतिशत किसानों ने खेती के पेशे से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है.
ऐरा पशुओं के द्वारा खेती चरने की वजह से किसानी में नुकसान होता है. पैदावार का एक तिहाई से आधा हिस्सा ऐरा पशु चर लेते हैं. लेकिन, एक किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने झटका पद्धति को अपनाते हुए देसी जुगाड़ से ऐरा पशुओं से अपनी खेती सुरक्षित कर ली है.
पच्चीस एकड़ की खेती को झटका से किया सुरक्षित
रीवा के रायपुर कर्चुलियान से सटे बर्रेही गांव के किसान सलिल गौतम 25 एकड़ में बागवानी करते हैं. टमाटर, लौकी खीरा, पत्ता गोभी, बैंगन सहित कई सब्जियों की खेती किसान परिवार करता है. सलिल ने बताया कि पहले वह भी ऐरा पशु के आतंक से परेशान थे. उसके बाद उन्होंने अपने पूरे खेत को बांस बल्ली से कवर कर लिया है और पूरे खेत के चारों ओर झटका मशीन का वायर लगा दिया है. इस मशीन से ऐरा पशुओं को झटका लगता है. अब पशु खेत में नहीं जाते हैं. खास बात यह कि पशुओं को किसी भी तरह का नुकसान इस मशीन से नहीं होता है. तीस एकड़ में मशीन का वायर लगवाने में डेढ़ लाख रुपए का खर्चा आया है.
खेती से बढ़ी कमाई
सलिल ने बताया कि जब पहले झटका मशीन नहीं लगी थी, तब वह खेती बागवानी कर 12 से 15 लख रुपए की कमाई कर लेते थे. लेकिन, झटका मशीन लगने के बाद उनकी उपज दो गुना बढ़ गई. अब उन्हें अपने खेत में उगाई गई सभी सब्जियों को बेचकर सालाना 20 से 25 लाख रुपए का फायदा हो रहा है. 10 से अधिक लोगों को उन्होंने रोजगार भी दिया हुआ है.
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FIRST PUBLISHED : October 28, 2023, 18:10 IST