शशिकांत ओझा/पलामू. आमतौर पर प्रेमिका से वार्तालाप को गजल कहा जाता है, लेकिन बदलते दौर में गजल में विकास हुआ है. पलामू जिले के निवासी हरिवंश प्रभात ने भी समाज की विसंगतियों पर एक पुस्तक लिखी है. जिसमें तमाम समाज से जुड़ी बातों का एक रूप गजल में उतारा गया है. गजल की इस पुस्तक का नाम ‘छोड़ो बाते फिर कभी’ है.
हरिवंश प्रभात ने लोकल18 को बताया कि ये उनकी दसवीं पुस्तक है. वहीं गजल की पहली पुस्तक है. जिसमें कुल 101 गजल हैं, जो लोगों के बीच मनमुटाव, दूरियां आए समाज की विसंगतियों पर आधारित है. इसका प्रकाशन स्वेतवर्णा प्रकाशक नई दिल्ली से किया गया है. इस पुस्तक में गजल के साथ, लोगों की भूमिका और जीवन परिचय है. उन्होंने बताया कि उन्हे बचपन से ही कविता का शौक था. उन्होंने अपनी पहली पुस्तक 1989 में निकाली थी. जिसका नाम ‘बढ़ते चरण’ था. इस पुस्तक में बेरोजगारी, महंगाई की समस्या के बारे में बताया गया है. उन्होंने कहा कf उनके द्वारा रचित सभी पुस्तकें उनके जीवन की कठिनाई, समस्या, समाधान पर आधारित हैं. भविष्य में वो अपनी भावनाओं को कविता के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने का काम करते रहेंगे.
राष्ट्रपति पुरस्कार से हो चुके हैं सम्मानित
उन्होंने बताया कि उनका विद्यार्थी जीवन बहुत कठिनाई से गुजरा है. ग्रेजुएशन करने तक वो ट्यूशन पढ़ाया करते थे. जिसके बाद 25 वर्ष की उम्र में वो सरकारी शिक्षक के रूप में राजकियकृत उच्च विद्यालय चांदो में नियुक्ति हुए. जिसके बाद ईमानदारी और निष्ठा के साथ बच्चों के भविष्य को संवारने का काम शुरू किया. इस दौरान वर्ष 2004 में उन्हें ए पी जे अब्दुल कलाम द्वारा बेस्ट टीचर ऑफ झारखंड के सम्मान से सम्मानित किया गया. वहीं वर्ष 2009 में हाई स्कूल से प्रधानाध्यापक के पद से सेवा निवृत हुए. हरिवंश प्रभात पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर के हमीदगंज के रहने वाले हैं.
ऐसे करें पुस्तक का ऑर्डर
इस पुस्तक को ऑर्डर करने के लिए स्वेतवर्णा प्रकाशन के ऑफिशियल सोशल मीडिया से ऑर्डर कर सकते हैं. वहीं 62065 36818 नंबर पर संपर्क कर मंगा सकते हैं. पुस्तक की कीमत महज 299 रुपए है.
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FIRST PUBLISHED : December 6, 2023, 14:45 IST