रिपोर्ट-मोहित भावसार
शाजापुर. बोर्ड परीक्षा यानि हौआ. हमारे एजुकेशन के ताने बाने ने बोर्ड परीक्षा का अच्छा खासा खौफ खड़ा कर रखा है. बच्चे तो बच्चे उनके माता पिता तक टेंशन में रहते हैं. ये तनाव ही उनकी सफलता की राह में रुकावट डाल देता है. इसलिए यहां कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं. इन्हें फॉलो करके तनाव से बचा जा सकता है.
बच्चे परीक्षा के दौरान सबसे अधिक परेशान रहते हैं. साल भर मेहनत करने के बाद भी जैसे – जैसे परीक्षा की तारीखें नजदीक आती है वो तनाव लेना शुरू कर देते हैं. माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा शुरू हो चुकी हैं. परीक्षा के लिए बच्चे तनाव मुक्त रह सकें इसके लिए लेकर शाजापुर में शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में विज्ञान शिक्षक के पद पर पदस्थ और राष्ट्रपति पुरुस्कार से सम्मनित ओमप्रकाश पाटीदार टिप्स दे रहे हैं.
नोट करें टोल फ्री नंबर
ओमप्रकाश पाटीदार कहते हैं-अक्सर देखा गया है इम्तिहान के समय बच्चे तनाव लेनाशुरू कर देते हैं. वो अपनी बात अपने माता-पिता, रिश्तेदार और दोस्तों तक से नहीं कह पाते. अंदर ही अंदर और तनाव लेने लगते हैं. यह तनाव उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है. वो परीक्षा के समय बीमार हो जाते हैं. इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर शुरू किया गया है. उमंग हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 14425 पर फोन कर बच्चे अपनी क्वेरी जाहिर कर सकते हैं. सक्सेना कहते हैं ये हेल्प लाइन छात्रों के लिए अमृत बूटी है. यह पूरी तरह से टोल फ्री नंबर है.
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नाम गुप्त रखा जाएगा
जब भी विद्यार्थी इस नंबर पर फोन लगाएंगे वहां पर बैठे एक्सपर्ट उचित मार्ग दर्शन देंगे. इससे कुछ हद तक तनाव से निजात पा सकते हैं. इस हेल्पलाइन नंबर की एक विशेषता यह भी हैं कि इस पर कोई भी व्यक्ति फोन लगा सकता है. इस नंबर पर फोन लगाने वाले इंसान का नाम पूरी तरह से गोपनीय रखा जाता हैं. उसकी समस्या का समाधान भी होगा और उसे उचित मार्गदर्शन भी दिया जाएगा. विद्यार्थियों के लिए तनावमुक्त होने का इससे बढ़िया तरीका नहीं है.
पेरेंट्स नोट करें ये बात
ओमप्रकाश पाटीदार चिंता जता रहे हैं कि विद्यार्थी परीक्षा के कारण ताफी तनाव ले लेते हैं. परीक्षा के एक दिन पहले पूरी रात जागकर पढ़ाई करते हैं और सुबह परीक्षा देने निकल जाते हैं. पाटीदार सलाह देते हैं-वैसे तो एग्जाम के दौरान पढ़ना भी जरूरी है,लेकिन पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों की लगभग 5 से 7 घंटे की नींद पूरी होना उससे ज्यादा जरूरी है. खासकर यह बात बच्चों के माता-पिता को समझना चाहिए. यदि आपका बच्चा घंटों बैठकर पढ़ रहा है,तो उसे कुछ देर के लिए आराम करने के लिए कहें. ताकि आराम करने के बाद वह दोबारा से फ्रेश माइंड से पढ़ाई पर अच्छी तरह से फोकस कर पाए.
बच्चों से खुलकर बात करें
पेरेंट्स के लिए एक और जरूरी सलाह ये है कि वो बच्चों से बात करें. अक्सर ये देखा गया कि बच्चों को उनके इम्तिहान(परीक्षा)के समय माता-पिता उनके हाल पर छोड़ देते हैं. जबकि बच्चों को इस समय माता-पिता की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. बच्चे वैसे पहले ही परीक्षा के समय में अपनी पढ़ाई का तनाव ले लेते हैं और अगर माता पिता या रिश्तेदार उन्हें अकेला छोड़ देते हैं तो उन पर आप एक और तनाव डाल देते हैं. ऐसी स्थिति वह खुद कों अकेला महसूस करता हैं.इसलिए बच्चों के माता-पिता को चाहिए कि वे परीक्षा के समय उनके साथ समय बिताएं और तनाव को दूर कर उनका हौसला अफजाई करें.
पढ़ाई के लिए दवाब न बनाएं
जैसे-जैसे परीक्षाएं नजदीक आती हैं वैसे-वैसे बच्चों के माता-पिता उन पर पढ़ाई का तनाव डालते हैं. उन पर रोक-टोक शुरू कर देते हैं. इससे बच्चे स्ट्रेस लेना शुरू कर देते हैं. इसी स्ट्रेस को दूर करने के लिए माता-पिता को चाहिए कि वह पढ़ाई का दबाव न बनाएं. बल्कि पॉजिटिव माहौल बनाएं ताकि परीक्षा देने के लिए उसका आत्मविश्वास बना रहे.
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FIRST PUBLISHED : February 9, 2024, 19:53 IST