परिवार की स्थिति थी खराब तो नाना – मामा ने किया सहयोग, अब लिपिक मां का बेटा बना साइंटिस्ट

मोहन ढाकले/ बुरहानपुर: जब कोई कुछ कर दिखाने की ठान लेता है तो कुदरत भी उसका साथ देती नजर आती है. ऐसा ही एक कुछ मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के एक होनहार के साथ हुआ. मात्र 23 साल की उम्र में लिपिक मां का बेटा साइंटिस्ट बन गया. अब बेटे की पदोन्नति हुई है. बेटा डाटा वैज्ञानिक के पद पर पहुंच गया है. इस उपलब्धि पर पूरे परिवार में उत्साह है. लेकिन, इस मां-बेटे की कहानी में संघर्ष बहुत रहा.

महाजनापेठ क्षेत्र में रहने वाले वैज्ञानिक वैभव की मां विनीता मनोज भट्ट ने Local 18 को बताया कि 2016 में उनके पति की मौत हो गई थी. बेटे का सपना टूट गया था. लेकिन, नाना हरकेश शर्मा, मामा अजय शर्मा, विजय शर्मा और परिणीति शर्मा, नीता शर्मा ने साथ दिया. बेटे ने 23 साल की उम्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की. वैभव 26 साल की उम्र में डाटा वैज्ञानिक बन गया है. फिलहाल वैभव ‘परफेक्ट डे रिसर्च सेंटर’ बेंगलुरु में डाटा वैज्ञानिक है. बहन जागृति बीमा कंपनी में काम करती है.

बचपन से ही होनहार था वैभव
विनीता ने बताया कि बेटा बचपन से ही पढ़ाई में रुचि रखता था, लेकिन दुर्घटना में पिता की मौत के बाद से सपने टूटने लगा था. ऐसे में मायके पक्ष ने सहयोग किया. बच्चों की पढ़ाई में सपोर्ट किया. 2015 में वैभव ने बायो साइंस स्ट्रीम से 12th पास किया. इसके बाद बेंगलुरु से बैचलर की डिग्री की. वैभव का प्लांट साइंटिस्ट के लिए सलेक्शन हो गया. 3 साल बाद 2024 में अब वैभव को डाटा वैज्ञानिक बनाया गया है. मां विनीता भट्ट सहकारिता विभाग की शेखापुर सोसाइटी में लिपिक के पद पर पदस्थ हैं.

Tags: Local18, Mp news

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