नई दिल्ली. सर्दियां आने के साथ ही देश की राजधानी दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत को प्रदूषण ने पूरी तरह से अपनी जद में ले लिया है. शुक्रवार सुबह राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 दर्ज किया गया. केवल दिल्ली ही नहीं देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की आबो हवा भी इस वक्त काफी खराब है. दिल्ली से ज्यादा 300 एक्यूआई मुंबई में शुक्रवार सुबह रिकॉर्ड किया गया. बच्चे और बुजुर्गों को सांस लेने में काफी तकलीफों का सामना करना पड़ा रहा है. पंजाब-हरियाणा की सरकारों के बीच इसे लेकर सियासत भी शुरू हो गई है.
दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स आज सुबह 10 बजे 249 था, जिसे खराब श्रेणी में रखा गया है. राजधानी से सटे नोएडा में 208 AQI और गुरुग्राम में 252 AQI आज सुबह मापा गया. मौसम विभाग का पूर्वानुमान कुछ राहत देने वाला जरूर है. IMD का कहना है कि शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में चार से 16 KM प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. इन हवाओं के चलते आसमान में धुंध कम रहने की संभावना है.
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क्यों बढ़ रहा है उत्तर-भारत में प्रदूषण?
लाख कोशिशों के बावजूद सरकारें धान की फसल कटने के बाद पराली के जलाए जाने को रोक नहीं पाई हैं. इसे लेकर सरकारों ने तरह-तरह की स्कीम लॉन्च करने का दावा किया लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. पराली जलने के कारण दिल्ली-एनसीआर व उत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों में तेजी से धुआं बढ़ता जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साल अब तक 2,500 पराली जलाने के मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि खेतों में आग लगाए जाने की घटना में कमी जरूर आई है.
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कैसे सुधारी जा रही दिल्ली-NCR की हवा?
हर साल की तरफ इस साल भी प्रदूषण पर काबू पाने के लिए दिल्ली एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) को लागू कर दिया गया है. फिलहाल GRAP-2 के स्तर के प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिसके तरह दिल्ली-एनसीआर में कोयला और लकड़ी जलाने पर रोक रहेगी. सड़कों की नियमित सफाई और पानी का छिड़काव आदि उपाय किए जाएंगे.

पंजाब-हरियाणा ने एक दूसरे पर मढ़ा आरोप
प्रदूषण बढ़ने पर इसे लेकर सियासत होना ली तय है. हरियाणा सरकार ने अमेरिका की अंतिरिक्ष एजेंसी नासा की 25 और 26 अक्टूबर की सेटेलाइट इमेज का डाटा शेयर किया. इमेज के माध्यम से यह दावा किया गया कि खेतों में पराली जलाने की घटनाएं हरियाणा के मुकाबले पंजाब में कहीं अधिक है. वहीं, पंजाब सरकार ने डाटा के माध्यम से बताने का प्रयास किया कि 2022 की तुलना में 2023 में 15 सितंबर से 25 अक्टूबर के बीच पराली जलाने के मामलों में 53 फीसदी की कमी आई है. पिछले साल 5,798 से घट कर यह अब 2,704 हो गए हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 27, 2023, 17:55 IST