पराली जलाने में आई कमी! प्रशासन की मुस्तैदी,किसानों के सहयोग से मिली सफलता

हिमांशु नारंग/करनाल.करनाल में किसानों की जागरूकता, प्रशासन की मुस्तैदी से पराली जलाने की घटनाओं में 25 अक्तूबर तक करीब 60 प्रतिशत से अधिक तक कमी दर्ज की गई है.कृषि विभाग से मिले आंकड़ों की बात करें तो अब तक 53 केस पराली जलाने के सामने आए हैं. इनमें 43 केस सही पाए गए जबकि पिछले साल इन्हीं दिनों तक 224 मामले दर्ज किए गए थे.कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि किसानों पर अब तक करीब 1 लाख 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है.पराली जलाने के मामले सबसे अधिक असंध में 15 पाए गए हैं.

2021 में पराली में आग लगाने की घटनाओं की बात करें तो 957 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं 2022 में मामले घटकर 309 तक पहुंच गए.वहीं इस साल 53 केस सामने आए हैं. प्रशासन व कृषि विभाग पराली जलाने की घटनाएं रोकने के लिए गंभीरता के साथ प्रयास कर रहा है.कृषि अधिकारियों सहित प्रशासन, पुलिस विभाग के हजारों कर्मचारियों, अधिकारियों को फील्ड में उतारा है.इसी का परिणाम है कि पराली जलाने की घटनाओं में फिलहाल 60 प्रतिशत से अधिक कमी दिखाई दे रही है.धान कटाई का काम अंतिम चरण में पहुंच चुका है. असंध, निसिंग में कृषि विभाग का पूरा फोक्स है, क्योंकि इन दोनों ही क्षेत्रों में पराली जलाने के ज्यादा मामले सामने आए हैं, असंध, निसिंग में धान कटाई का काम देर तक चलता है.

किसानों का मिल रहा है सहयोग
कृषि विभाग द्वारा पराली जलाने की घटनाएं रोकने के लिए जहां किसानों को बड़ी संख्या में कृषि उपकरण दिए गए हैं.साथ ही उपकरणों में पर भारी सब्सिड़ी भी उपलब्ध कराई जा रही है.जिले में 7 हजार से ज्यादा कृषि यंत्र किसानों को दिए हैं, जिनसे वे फसल अवशेष प्रबंधन करने में जुटे हैं. इसके अलावा एक्ससीटू व एनसीटू के माध्यम से भी किसान फसल अवशेष प्रबंधन कर रहे हैं.आयूसीएल किसानों से सीधे तौर पर पराली खरीद रहा है.जिले से 50 हजार एमटी से अधिक पराली खरीदी जा चुकी है.

किसानों पर दर्ज नहीं हई एफआईआर
करनाल कृषि विभाग के निदेशक ने कहा कि प्रशासन व कृषि विभाग जिला स्तर, खंड व ग्रामीण स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को जागरुक कर रहा है.किसान भी पराली जलाने से होने वाले नुकसानों को समझ कर स्वयं भी फसल अवशेष प्रबंधन के तरीकों को अपना रहे हैं.नतीजन जिले में पराली जलाने के मामलों में भारी कमी आई है. इस मुहिम को आगे भी लगातार चलाया जाएगा.उन्होंने कहा कि इस बार जिला में फिलहाल किसी भी किसान पर एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है.प्रशासन व कृषि विभाग का पूरा फोक्स किसानों को जागरुक करने पर है, किसान भी प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं.

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