परवान पर मुस्लिम राजनीति, लोकसभा चुनाव में कुछ इस तरह दिख सकता है समीकरण

पटना. बिहार में राजनीतिक दलों के एमएलसी उम्मीदवार की लिस्ट देख एक बड़ा इशारा मिला है. दरअसल आने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए मुस्लिम सियासत को लेकर हलचल तेज कर दी है. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में मुस्लिम सियासत का बड़ा असर दिखेगा. दरअसल बिहार में जातिगत गणना के बाद मुस्लिम आबादी लगभग 17.70 प्रतिशत हो गई है जो सियासी लिहाजा से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

अब इसका असर भी बिहार के राजनीतिक दलों में दिखने लगा है. एमएलसी के 11 सीट के चुनाव में जदयू और आरजेडी ने 3 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं जो संख्या बल के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. आरजेडी ने जहां अपने MY समीकरण को धार दी है, वहीं चार में से दो मुस्लिम उम्मीदवार उतार मुस्लिम  समुदाय को बड़ा मैसेज दिया है. वहीं जदयू ने दो में से एक उम्मीदवार मुस्लिम उतारे हैं और जदयू ने भी इशारा कर दिया है कि मुस्लिम वोटर उनके लिए कितना महत्व रखते हैं.

निर्णायक भूमिका निभाते हैं मुस्लिम उम्मीदवार

बिहार में ऐसी कई लोकसभा सीटें हैं, जहां मुस्लिम उम्मीदवार बेहद निर्णायक भूमिका में है और हार जीत तय करते हैं. सीमांचल की चार सीट पर तो इनकी भूमिका महत्वपूर्ण है कि कोशी और मिथिलांचल में भी जीत हार में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है. एनडीए के लिहाज से देखें तो बीजेपी मुस्लिम उम्मीदवार उतराने में परहेज करती रही है. लेकिन, इस बार खबर है कि शायद एक सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार उतार सकती है. शाहनवाज़ हुसैन को मौका दिया जा सकता है.

चिराग पासवान भी उतार सकते हैं मुस्लिम उम्मीदवार

वहीं जदयू ने पिछली बार एक सीट पर उम्मीदवार उतारा था. लेकिन, वह हार गई थी. इस बार जेडीयू दो की संख्या में उम्मीदवार दे सकती है. महागठबंधन की तरफ एकतरफा मुस्लिम वोट जाने से रोकना चाहेगा. वहीं आरजेडी और कांग्रेस जिसका मुस्लिम वोटर खास वोट बैंक माना जाता है. पिछली बार की जगह इस बार मुस्लिम उम्मीदवार की संख्या बढ़ा सकती है. कांग्रेस ने पिछली बार किशनगंज की सीट जीतकर अपना खाता भी खोला था. वहीं चिराग पासवान की पार्टी भी इस बार एक मुस्लिम उम्मीदवार उतार सकती है.

नीतीश मंत्रिमंडल में भी है हिस्सेदारी

बता दें, फिलहाल नीतीश मंत्रिमंडल में एक मात्र मुस्लिम मंत्री के तौर पर जमा ख़ान मौजूद हैं जो बसपा के टिकट पर जीतकर आए थे और बाद में जदयू में शामिल हो गए थे. इससे मुस्लिम राजनीति को समझा जा सकता है कि वो कितने हाशिए पर थे. वहीं आरजेडी के मुस्लिम विधायकों की संख्या ठीक-ठाक है. लेकिन लोकसभा चुनाव में इसकी तस्वीर बढ़ते हुए दिखेगी की नहीं ये देखना दिलचस्प होगा. आरजेडी अपने MY समीकरण के लिए जानी जाती है ऐसे में पार्टी इस बार भी लोकसभा चुनाव में यादव और मुस्लिम चेहरों को मौका दे सकती है.

Tags: Bihar News, PATNA NEWS

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