सत्यम कुमार/भागलपुर. यूं तो भागलपुर का गंगा किनारे का क्षेत्र परवल के उपज के लिए काफी प्रसिद्ध है. तरह-तरह के किस्म के परवल यहां उगाए जाते हैं. लेकिन बिहार कृषि विश्वविद्यालय ने जो परवल इजाद किया है, वह वाकई काफी लाजवाब है. वैज्ञानिक आरके वर्मा ने बताया कि यह परवल दिखने में सफेद होगा. साथ ही इसमें बीज नाम मात्र का होगा. किसान कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. साथ ही आम बीज की अपेक्षा प्रति हेक्टेयर 70 से 90 क्विंटल अधिक परवल तैयार होगा.
70 से 90 क्विटंल से अधिक होगा फलन
कई लोग परवल को उसके बीज के लिए पसंद नहीं करते हैं. इसका कारण है कि उसका बीज काफी कड़ा होता है. लेकिन सबौर के वैज्ञानिक आरके वर्मा ने जो परवल की प्रजाति सबौर एक को इजाद किया है. उसमें बीज एकदम कम होगा. जो बीज होंगे वो मुलायम होंगे. इससे खाने वालों को परेशानी नहीं होगी. आरबी वर्मा ने बताया कि अभी तक यहां के किसान बंगाल से इसके बीच व लत को लाकर खेती किया करते थे. जिसमें प्रति हेक्टेयर 200 क्विंटल परवल तैयार होता था. लेकिन इसमें ऐसा देखा गया है कि किसानों के खेतों में 270 से 290 क्विंटल परवल तैयार होता है.
एक हेक्टेयर में तीन लाख से अधिक का मुनाफा
वैज्ञानिक ने बताया कि यह परवल काफी लंबा होता है और हल्का हरा जो दिखने में सफेद परवल लगता है. उन्होंने बताया कि इस परवल की खेती से किसान एक हेक्टेयर में तीन लाख से अधिक का मुनाफा कमा सकते हैं. उन्होंने बताया कि अभी बिहार के साथ-साथ यूपी में भी कुछ किसान इस परवल की खेती किए हैं.
उन्होंने बताया कि अन्य परवल से इसको अधिक दिनों तक रख सकते हैं. पूर्णिया में सबसे पहले इसकी खेती की गई. अब धीरे धीरे और भी क्षेत्रों में खेती होने लगी. इस परवल की सुंदरता अन्य परवल से अधिक होती है.
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FIRST PUBLISHED : September 25, 2023, 08:22 IST