पत्‍नी के ‘करिश्‍मे’ से पति को मिली नई जिंदगी, मौत को भी होना पड़ा बैरंग वापस

Sehat Ki Baat: दिल के इलाज के लिए महशूर दिल्‍ली का गोविंद बल्लभ पंत अस्पताल हॉस्पिटल. रात के करीब नौ बजे रहे थे. कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. मोहित गुप्‍ता अपनी कैथ लैब का काम लगभग खत्‍म कर चुके थे. तभी उन्‍हें अपनी कैथलैब के बाहर शोर सुनाई दिया. डॉ. मोहित कुछ समझ पाते, इससे पहले लगभग 21 वर्ष के एक युवक को उनकी कैथ लैब के अंदर लाया गया. इस युवक की ना ही पल्‍स थी, ना ही कोई हार्ट रेट और ब्‍लड प्रेशर भी पूरी तरह से शांत हो चुका था. 

मेडिकल एग्‍जामिनेशन में पता चला कि इस युवक को मैसिव हार्ट अटैक आया था. सरल भाषा में कहें तो इस युवक के जिंदगी की डोर अब टूट चुकी थी. ऐसी हालत में, डॉक्‍टर्स के पास खोने को कुछ नहीं था, अब उसके हाथ में सिर्फ इस युवक को बचाने की कोशिश ही बची थी. डॉ. मोहित गुप्‍ता और उनकी टीम में उम्‍मीद नहीं छोड़ी. युवक को सीपीआर के जरिए पुनर्जीवित करने की कोशिश शुरू कर दी गई. इसी क्रम में, युवक को आर्टिफिशियल सपोर्ट सिस्‍टम पर लेकर ऑपरेशन टेबल शिफ्ट कर दिया गया.  

तभी डॉक्‍टर्स को दिखी उम्‍मीद की किरण
ऑपरेशन शुरू हुआ. डॉ. मोहित ने चेस्‍ट ओपन किया. उनकी पहली निगाह जैसे ही हार्ट पर गई, उनके दिल ने एक राहत की सांस ली. दरअसल, युवक के दिल की धड़कन वापस आना शुरू हो गई थी. डॉक्‍टर्स ने बेहद उम्‍मीद के साथ युवक की एक-एक आर्टरी को रि-ओपेन करना शुरू किया. ऐसा करते ही, डॉक्‍टर्स की टीम ने सफलता की तरफ एक नया कदम बढ़ा दिया. अब दिल की धड़कनों के साथ ब्‍लड प्रेशर ने भी रिदम पकड़ना शुरू कर दिया था. यह ऑपरेशन करीब एक घंटे चला. खतरा फिलहाल के लिए टल गया था, लेकिन युवक की जान अब भी सुरक्षित नहीं थी. 

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 सफल ऑपरेशन के बाद नई पहेली में उलझे डॉ. मोहित
युवक को पहले वेंटिलेटर और फिर आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया. कुछ घंटों के बाद युवक को होश भी आ गया. यहां तक तो सबठीक था, पर डॉ. मोहित गुप्‍ता का मन अभी भी अजीब सी बेचैनी से घिरा हुआ था. उनको यह समझ में नहीं आ रहा था कि महज 21 वर्ष की आयु में इस युवक को इतना मैसिव हार्ट अटैक कैसे आ सकता है. इस युवक की लिपिड प्रोफाइल और सभी टेस्‍ट पूरी तरह ठीक हैं, नॉन डायबिटिक है, नॉन स्‍मोकर है. फिर ऐसा क्‍यों? ऐसे में, डॉ. मोहित की बड़ी उलझन यह थी कि सही वजह का पता नहीं चला तो बाजी कभी भी फिर से पलट सकती थी. 

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जवाब की तलाश में डॉ. मोहित ने उठाया यह कदम
अगले दिन राउंड के दौरान, डॉ. मोहित ने युवक से कहा कि बेटा मुझे आपके परिवार से बात करनी है. जिसके बाद, उसके माता-प‍िता डॉ. मोहित से मिलने पहुंचे. बातचीत के बीच यह पता चला कि इस युवक की शादी हो चुकी है और वह 4 माह की एक बच्‍ची का पिता भी है. जिसके बाद, डॉ. मोहित ने युवक के माता-पिता से कहा कि अब वह सिर्फ युवक की पत्‍नी से ही बात करना चाहेंगे. युवक के माता-पिता ने काफी जिद की कि वह उनसे ही बात कर लें, लेकिन डॉ. मोहित नहीं माने. आखिर में, युवक के पिता ने बताया कि दोनों का तलाक फाइनल स्‍टेज पर है, अगले महीने दोनों का तलाक मुकम्‍मल हो जाएगा. 

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कुछ यूं सुलझने लगी थी युवक के हार्ट अटैक की गुत्‍थी
अब तक, डॉ. मोहित को यह समझ में आ चुका था कि युवक के इस हार्ट अटैक की डोर कहीं न कहीं उसकी पत्‍नी सी जुड़ी हुई हैं. डॉ. मोहित ने युवक के माता-पिता को कुछ भी करके युवक की पत्‍नी को लाने के लिए कहा. डॉ. मोहित के अनुरोध पर युवक की पत्‍नी उनसे मिलने पहुंची. बातचीत में पता चला कि बेहद छोटी-छोटी बातों के चलते उनके बीच मतभेद हुए और यह मतभेद तलाक के पायदान तक पहुंच गए. डॉ. मोहित इस बात से बेहद हैरान थे कि इस तरह की छोटी-छोटी बातें किसी शख्‍स को मैसिव हार्ट अटैक की स्थिति तक ला सकते हैं.

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डॉ. मोहित ने बहू को दिया युवक का हाथ पकड़ने का टॉस्‍क
मुलाकात के दौरान, डॉ. मोहित ने युवक की पत्‍नी से कहा कि आप अगले तीन महीने अपने पति का हाथ पकड़कर हर मंगलवार को मेरी ओपीडी में आएंगी. इस पर उसने जवाब किया कि सर, आप बोल रहे हैं, तो मैं ज़रूर करूंगी. इसके बाद, अगले तीन महीने तक वह अपने पति का हाथ पकड़ कर हर सप्‍ताह डॉ. मोहित की ओपीडी में आती रही. इन तीन महीनों में, पत्‍नी के हाथ के साथ ने वह कर दिखाया, जो शायद दुनिया की कोई दवा न कर पाती. आज चार साल बीत चुके हैं, वह युवक पूरी तरह से स्‍वस्‍थ्‍य है. दोनों ने स्‍वेच्‍छा से अपने तलाक के पेपर वापस ले लिए हैं. और अब, दोनों अपनी बच्‍ची के साथ सुखद दांपत्‍य जीवन व्‍यतीत कर रहे हैं. 

Tags: Health News, Heart attack, Sehat ki baat

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