पत्नी की जुदाई ने बना दिया बेवफा, अनोखी है सुजित की दो शादी की कहानी

सुशील सिंह/ मऊ: आपने चाय की दुकान तो तमाम देखीहोगीऔर चाय भी तमाम पीए होंगे, लेकिन आज हम आपको जो चाय पिलाएंगे उसमें बेवफाई की झलक दिखाई देगी. पति पत्नी से जुड़ी है इस चाय की दुकान की कहानी.मऊ जिले के ब्रह्मस्थान पर चाय बेचने वाले सुजीत वर्मा पहली पत्नी की बेवफाई से परेशान गम में डूबने के बजाय बेवफा चाय की दुकान खोल ली.इनकी दुकान पर 5 रुपए में तन्हाई चाय तो 10 रुपए में बेवफा चाय मिलती है, जिसे लोग खूब पसंद करते हैं.चाय ही नहीं इनकी दुकान पर बेवफा छोला, घाटी,बेवफा छोला चावल तथा तन्हाई घाटी भी मिलती है.

बेवफा चाय स्टॉल लगाने की कहानी बताते हुए सुजीत बताते हैं कि 2008 में अंजू से उनकी शादी हुई. अचानक 2016 में उनकेमोबाइल पर एक मिस कॉल आई और उनकी दोस्ती आशा नाम की एक युवती से हो गई.साथ ही साथ अंजू और आशा की भी आपस में दोस्ती हो गई.सुजीत के अनुसार अंजू को पैसे से बहुत प्यार था.आए दिन वो टीवी,फ्रिज और गहनों की फरमाइश करती थी. जिसे आशा पूरी करने लगी.ये सब करते करते एक दिन आशा ने अंजू के सामने सुजीत से विवाह के लिए प्रस्ताव रखा. जिसे अंजू ने स्वीकार लिया.इस तरह अंजू ने अपने पति की दूसरी शादी आशा से करा दी.

ऐसे पड़ा इस दुकान का नाम बेवफा
बाद में पहली पत्नी अंजू के पिता सुजीत से पैसे की मांग करने लगे.मांगे पूरी न होने पर अंजू के पिता ने सुजीत पर 2 शादियां करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवा दी.तभी से अंजू अपने दो बच्चों के साथ अपने पिता के घर रहने लगी.सुजीत के अनुसार वो आज भी अंजू को बहुत प्यार करता है.वह अपने बच्चों और अंजू से दूर नहीं रह पा रहा.पहली पत्नी से जुदाई के गम में सुजीत ने बेवफा चाय वाले के नाम से चाय का स्टॉल चलाना शुरू कर दिया.

लौट आने की गुजारिश कर रहा
पहली पत्नी से जुदाई का गम इतना है कि वो आज भी अंजू से लौट आने की गुजारिश कर रहा है.सुजीत का कहना है कि अगर अंजू वापस लौट आती है तो वो अपने चाय के स्टॉल का नाम बदल कर मस्ताना चाय रख देगा. अगर आप भी इस बेवफा चाय की चुस्की लेना चाहते है तो आप प्राइवेट बस स्टैंड के बगल में स्थित पैट्रोल पंप के पास आकरबेवफा चाय पी सकते हैं.

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