रिपोर्ट- रितेश लोहानी
कोडरमा. कहा जाता है कि पति-पत्नी का साथ सात फेरों से शुरू होकर सात जन्मों तक जाता है और सुख हो या दुख दोनों एक दूसरे के साथ ही होते हैं. जनम-जनम तक साथ निभाने का वादा करने वाली पत्नी पति के मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी और उसने भी अपने प्राण त्याग दिए. परिजनों ने दोनों के शव को एक ही चिता पर रखकर अंतिम संस्कार किया.
मामला झारखंड के कोडरमा जिला का है जहां डोमचांच प्रखंड के लेंगरापीपर गांव में ये घटना हुई. यहां 70 वर्षीय मोहन पंडित की बीती रात अचानक तबियत खराब हो गई, जिसके बाद परिजन उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल कोडरमा ले गए, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज कर रांची रेफर कर दिया लेकिन रांची ले जाने के क्रम में ही मोहन पंडित ने दम तोड़ दिया. मोहन पंडित की मौत की सूचना जब उसकी 65 वर्षीय पत्नी जितिया देवी को मिला तो, उसको ऐसा सदमा लगा कि उसने भी दम तोड़ दिया.
इसके बाद दंपती की एक साथ ही घर से अर्थी निकली. इसके बाद दंपती का गांव के ही शमशान घाट पर एक ही चिता जलाकर अंतिम संस्कार किया गया. दंपती का शव एक साथ लेंगरापीपर गांव से निकला. यह घटना लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है. लोग कहते नजर आए कि साथ जीने-मरने की कसम को निभाने की कहानी सुनी तो जाती थी लेकिन अब देखने को भी मिली है, जो पूरे गांव के साथ आसपास के क्षेत्रों में चर्चा का विषय बना हुआ है.
मोहन पंडित के छोटे पुत्र ने दोनों यानी माता-पिता को को मुखाग्नि दी. इस दौरान घटना की सूचना पाकर निवर्तमान उपाध्यक्ष पप्पू मेहता, सांसद प्रतिनिधि बसंत मेहता, लीलावती मेहता, प्रदीप यादव, वार्ड सदस्य अनिल यादव, सुरेश विश्वकर्मा सहित सैकड़ों ग्रामीण पहुंचे और घटना पर शोक व्यक्त किया.
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FIRST PUBLISHED : October 3, 2023, 18:38 IST