राजकुमार सिंह/वैशाली : बिहार के वैशाली जिला की महिलाएं अपनी मेहनत और संघर्ष से कृषि के क्षेत्र में सफलता अर्जित कर रही है. उन्हीं महिलाओं में से एक हैं हाजीपुर स्थित मीनापुर वार्ड संख्या-36 के रहने वाले देवनंदन सिंह की पत्नी अनीता कुमारी, जो खेती-किसान के दम पर अपना एक अलग मुकाम हासिल किया है. अनीता कुमारी मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रहीं हैं और लोगों को जागरूक भी कर रही हैं.
इसको लेकर देश के कई राज्यों में सम्मानित भी हो चुकी है. दरअसल, 1988 में पति की अचानक मौत के बाद अनीता कुमारी पर आफत का पहाड़ टूट पड़ा था. आर्थिक स्थिति बदहाल रहने के चलते छोटे-छोटे बच्चों को संभालना अनीता के लिए बड़ी चुनौती थी. तब अनीता ने पुश्तैनी जमीन पर खेती करना प्रारंभ किया.
पति को खोने के बाद आर्थिक स्थिति हो गई थी बदहाल
अनीता ने बताया कि 1992 में आलू, मक्का और सब्जी की खेती करना प्रारंभ किया. इसके बाद पैसे का उपार्जन होने लगा तो तीन बच्चों की परवरिश करने में आसानी हो गई और अच्छे स्कूल में पढ़ाकर काबिल बना दिया.
अब तो तीनों बच्चों की शादी भी हो चुकी है. उन्होंने बताया कि पुराने दिनों को जब भी याद करते हैं आत्मा रो पड़ती है. उन्होंने बताया कि तीन वर्ष पूर्व जब प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी ने बेहतर स्वास्थ्य के लिए मोटे अनाज के सेवन पर जोर दिया तो इसकी खेती करने लगे. मोटे अनाज में मक्का, बाजरा, चना आदि की खेती कर रहे हैं. इसका आटा से लेकर सत्तू बनाकर बिक्री कर रहे हैं. इससे मोटी कमाई हो जाती है.
मोटे अनाज की खेती ने अनिता को दिलाई अलग पहचान
अनीता कुमारी ने बताया कि मोटे अनाज को लेकर कई बार राज्य में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के मेले में स्टॉल लगाकर भी बिक्री किया है. उन्होंने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारी और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देना चाहती हैं कि उन्होंने मोटे अनाज पर जोर दिया.
मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने को लेकर देश के कई राज्यों में सम्मान भी मिल चुका है. उन्होंने बताया कि महिलाओं को मेहनत करनी चाहिए. जब हमारी बेटियां खेल के किसी भी विधा में अपनी मेहनत के बल पर देश के लिए मेडल लाती है, उसी तरह महिलाएं खेती-किसानी जैसे कार्य से जुड़कर अपने देश को विकसित राष्ट्र के श्रेणी में ला सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : March 10, 2024, 11:55 IST