पति की बीमारी के बाद, एक-एक रुपए के लिए मोहताज हुई महिला, शुरू किया ये काम…

अमित कुमार/समस्तीपुर. किसी ने सच ही कहा है कि कामयाबी का तो जुनून होना चाहिए, फिर हर मुश्किलों को आसानी से टाला जा सकता है. इन पंक्तियों को समस्तीपुर जिले के मोरवा प्रखंड क्षेत्र के निकसपुर गांव की रहने वाली जीविका समूह से जुड़ी रेखा कुमारी ने सच कर दिखाया है. रेखा के पति की जब तबीयत खराब हुई तो वह दो रुपए के लिए भी तरसती थी. आज वह अपनी मेहनत से हर महीने हजारों रुपए कमा रही है. अपने परिवार को गरीबी से तो बाहर निकाला ही, अब अपने समाज की अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने को लेकर प्रेरित कर रही है.

उन्होंने बताया कि पति की तबीयत खराब होने के बाद घर की स्थिति बहुत खराब हो गई थी. इन्हीं दिनों जीविका समूह में काम करने लगी. वह पहले से शिक्षित थी. इस कारण उन्होंने जीविका समूह से बिजनेस का ट्रेनिंग ली. ट्रेनिंग के कुछ ही दिनों बाद नर्सरी चलाने की योजना आई. इसमें रेखा समेत 12 महिलाओं ने अपना आवेदन समूह के पदाधिकारी को दिया. इसमें से रेखा का चयन हुआ. इसके बाद नर्सरी खोलने के लिए रेखा का एग्रीमेंट हो गया. रेखा ने जीविका समूह से ही लोन लेकर आठ कट्ठा खेत में नर्सरी लगा दी.

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13 तरह के पौधे हैं उपलब्ध
रेखा की नर्सरी में 13 अलग-अलग तरह के पौधे उपलब्ध हैं. सभी तैयार पौधों को वह जीविका समूह के माध्यम से बेच लेती है. रेखा की नर्सरी में तैयार पौधे जीविका कार्यालय से जुड़ी महिलाओं के बीच अनुदानित मूल्य पर बिक्री की जाती गई. रेखा दो साल से यह काम कर रही है. इससे प्रतिवर्ष खर्च काटकर 4 लाख से अधिक मुनाफा कमा रही है. यही नहीं, साल 2018 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समस्तीपुर में इन्हें ट्रैक्टर के लिए सम्मानित भी किया था. वर्तमान में इनके यहां आम, लीची, अमरूद, पपीता, नींबू, अमला, सागवान, महोगनी, अर्जुन आदि का पौधा उपलब्ध है.

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