नीरज कुमार/बेगूसराय : बिहार में मुर्गी पालन से मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है. मुर्गी पालन के व्यवसाय में आप कम लागत में ज्यादा कमाई कर सकते हैं. गांव में रहने वाले लोगों के लिए मुर्गी पालन एक अच्छा विकल्प है. पूर्व में लोगों का मानना था कि मुर्गी पालन या खेती-किसानी से अच्छी आमदनी नहीं हो सकती, लेकिन अब लोग मुर्गी पालन कर सफल बिजनेसमैन बन पा रहे हैं.
ऐसी ही कहानी बेगूसराय जिला के कुंभी गांव के रहने वाले छोटेलाल साहनी की. पहले छोटे लाल के परिवार की हालात ठीक नहीं थी. 2015 में छोटेलाल ने मैट्रिक पास की. आगे की पढ़ाई करने के लिए उसके पैसे नहीं थे, इसलिए परिवार के भरण-पोषण को लेकर 2015 में हीं प्रदेश कमाने चला गया. 2018 जब प्रदेश से लौटा तो मुर्गी पालन शुरू कर दिया. अब छोटे लाल की पहचान युवा बिजनेसमैन के रूप में हो रही है.
50 हजार कर्ज लेकर शुरू किया मुर्गी पालन
बेगूसराय जिला के कुंभी पंचायत के वार्ड संख्या-10 निवासी रामनाथ सहनी के पुत्र छोटेलाल सहनी ने बताया कि 2015 में जब मैट्रिक पास किया तो आगे की पढ़ाई पूरी कराने के लिए परिवार से पैसा नहीं मिला. पूरा परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था. इसके बाद में प्रदेश कमाने चला गया. प्रदेश में मुर्गी फार्म में काम करने के बाद वहां देखा कि बॉयलर प्रजाति के मुर्गे से अच्छी आमदनी होती है.
इसके बाद 2018 गांव लौट आया और प्रदेश की तरफ मुड़कर नहीं देखा. गांव में हीं साहूकार से 50 हजार कर्ज लेकर मुर्गी पालन शुरू किया. धीरे-धीरे मुर्गी की संख्या बढ़ाते गया, झोपड़ी नुमा शेड बनाकर 2500 मुर्गी पाल रहे हैं.
70 हजार तक हर माह कमा रहे हैं आमदनी
छोटेलाल के मुताबिक मुर्गी पालन में ध्यान रखना होता है कि मुर्गियां किसी बीमारी की चपेट में ना आ जाए. इसके अलावा मुर्गियों को सांप, बिच्छू, कुत्ते, बिल्ली आदि से भी बचाकर रखना होता है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए 2500 मुर्गी का पालन कर रहे हैं.
चूजा 30 से 45 दिनों में तैयार हो जाता है और इस पर लागत 1.1 लाख रुपए आता है. मुर्गी का चूजा बाजार में आसानी से मिल जाता है. छोटेलाल ने बताया कि महीने के 70 हजार तक की आमदनी प्राप्त हो जाती है. एक ओर जहां छोटेलाल युवा कारोबारी के रूप में अपनी पहचान बना रहे हैं तो दूसरी ओर संघर्ष की कहानी भी प्रेरणा स्रोत से काम नहीं है.
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FIRST PUBLISHED : October 7, 2023, 10:37 IST