पढ़ाई के साथ स्टूडेंट्स ने बनाई इको फ्रेंडली राखी, मार्केट में बढ़ी डिमांड

लखेश्वर यादव/जांजगीर चांपा/बिलासपुर. छत्तीसगढ़ की गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय ऐसी यूनिवर्सिटी है, जहां छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के साथ अलग-अलग तरह की स्किल्स सिखाई जा रही हैं. बिलासपुर के गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में स्वावलंबी छत्तीसग़ढ योजना के तहत बच्चे आत्मनिर्भर बन रहे हैं. रक्षाबंधन पर्व के अवसर पर छात्र इको फ्रेंडली राखी बना रहे हैं.

गुरू घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर में कला संकाय के छात्र धान और चावल से निर्मित इको फ्रेंडली राखी बना रहे हैं. पर्यावरण को ध्यान में रखकर यह इको फ्रेंडली राखी बनाई जा रही है. यह राखी काफी आकर्षक है. यही कारण है कि लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं. स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय में स्टॉल लगाकर राखियों को बेचा जा रहा है. विभाग के द्वारा 30 बच्चों को प्रशिक्षण दिया गया. रक्षाबंधन पर्व को ध्यान में रखकर छात्र ईको फ्रेंडली राखी बना रहे हैं.

 12 हजार राखियां बनाई जा रही
राखी बेचकर होने वाली इनकम से छात्रों की फीस भरी जाती है. छत्तीसगढ़ स्वावलंबी योजना से जुड़कर छात्र आत्मनिर्भर बन रहे हैं. पिछले साल छात्रों ने 4 हजार 500 राखियां बनाई थीं, लेकिन इस साल लोगों की डिमांड को देखते हुए 12 हजार राखियां बनाई जा रही हैं. महिला सशक्तिकरण पर एक दिवसीय कार्यशाला में कला संकाय के छात्रों ने स्वावलंबी छत्तीसगढ़ के तहत धान और चावल से निर्मित आकर्षक राखियों का प्रर्दशन किया. इनकी राखियां बनाने के तरीकों को सीखने के लिए बस्तर से 7 महिलाएं गुरु घासीदास विश्वविद्यालय पहुंची. जिन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया गया है.

.

FIRST PUBLISHED : August 24, 2023, 16:31 IST

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *