नीरज कुमार/ बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय के रहने वाले छोटू कुमार का बचपन से सपना सरकारी नौकरी करना था, लेकिन अर्थिक स्थिति खराब होने के चलते वो इंटर फर्स्ट ईयर के बाद अपने पढ़ाई पूरी नहीं कर सकें. इसके बाद भी छोटू ने हार नहीं मानी और अपनी स्थिति को सुधारने के लिए मुर्गी पालन को हथियार बनाया. पुराने घर के झोपड़ी में गांव के साहूकारों से कर्ज लेकर 500 चूजे से फार्म शुरू किया. धीरे-धीरे परिस्थितियों बदली तो 5000 से अधिक मुर्गियों का पालन कर रहे हैं. इसे हर माह अच्छी कमाई भी हो रही है.
बेगूसराय जिला मुख्यालय से तकरीबन 22 किमी दूर बलिया प्रखंड में छोटू का जन्म हुआ था. छोटू पढ़ाई के साथ पिता की खेती में हेल्प करते थे. लेकिन इंटर फर्स्ट ईयर के बाद आर्थिक स्थिति सही नहीं रहने की वजह से पढ़ाई छोड़ परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में लगा गए. इसके लिए गांव के साहूकारों से पिता के सहयोग से 40 हजार कर्ज लेकर 500 मुर्गी को पालना कर दिया. धीरे-धीरे अपने कारोबार को आगे बढ़ाते गए और आज 5200 मुर्गी का पालन कर रहे हैं. छोटू ने बताया कि पिछ्ले तीन वर्षो से मुर्गी पालन के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. यह एक ऐसा व्यवसाय है, जो प्रतिदिन चलता है. उन्होंने बताया कि सही मायने में जितना बाजार में डिमांड है, उतना पूरा नहीं हो पता है. अगर कोई व्यक्ति इसको व्यवसाय समझ कर मुर्गी पालन करता है तो बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.
हर माह 70 हजार से ज्यादा हो रही कमाई
छोटू कुमार के मुताबिक 2800 स्क्वायर फीट के एक झोपड़ी में मुर्गी पालन कर रहा हैं. चूजा यूपी से लाते हैं और 35 दिनों तक पालने के बाद लगभग 2 किलो के आस-पास वजन हो जाता है. इस दौरान 4 लाख के आस-पास लाग आता है. वहीं सब खर्च काटकर 70 हजार की बचत हो जाती है. छोटू के मुताबिक बिक्री में समस्या तब आती है जब दुर्गा पूजा और छठ का समय चलता है. हालांकि छोटू का सपना इससे होने वाली कमाई से बीपीएससी की पढ़ाई कर एक अफसर बनने का है. अब देखना यह होगा कि कब तक इनका सपना पूरा होता है.
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FIRST PUBLISHED : January 30, 2024, 09:39 IST