पढ़ाई के बाद नहीं मिली नौकरी, तो इस नई तकनीक के साथ शुरू कर दी खेती, अब सालाना

मोहन प्रकाश/ सुपौल. सब्जी की खेती कर जिले के किसान तेजी से आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे हैं. ऐसे ही एक किसान जिले के सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के दाहोपट्टी वार्ड-8 निवासी वीरेंद्र कुमार मेहता हैं. वीरेंद्र महज 10 साल से सब्जी की खेती कर रहे हैं. लेकिन, इतने कम समय में वे अग्रणी किसानों में शामिल हो गए हैं. दरअसल, वे पारंपरिक फसलों के साथ-साथ 10 एकड़ में कई तरह की साग-सब्जियों की खेती करते हैं. इससे उन्हें सालाना 6 लाख से अधिक मुनाफा हो रहा है. वीरेंद्र बताते हैं कि वे अगात सब्जियों की खेती करते हैं. उस समय मार्केट में अच्छा रेट मिल जाता है. यही वजह है कि उन्हें अच्छा मुनाफा हो जाता है.

वीरेंद्र बताते हैं कि इंटर की पढ़ाई के बाद से ही वे रोजगार की तलाश करने लगे थे. लेकिन, हमारी इच्छा के अनुसार काम नहीं मिल पा रहा था. इधर, पुश्तैनी जमीन पर पिता खेती किया करते थे. फिर, मन में ख्याल आया कि क्यों न इसी जमीन पर सब्जी की खेती शुरू करें. इसी पर अमल करते हुए वीरेंद्र ने शुरुआत कम जमीन में सब्जी की खेती से की. अब अच्छा मुनाफा होने पर 10 एकड़ में खेती कर रहे हैं.

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खेत पर आकर अगात सब्जी खरीदते हैं कारोबारी
वह बताते हैं कि अगात सब्जियों की खेती करने से उत्पादित फसल बेचने बाजार भी नहीं जाना पड़ता है. कारोबारी खेत पर आकर सब्जी खरीद लेते हैं. सब्जियों में बंद गोभी, फूल गोभी, भिंडी, झींगा, बैंगन, परवल के अलावा मोटा अनाज मक्का की भी खेती करते हैं. इसमें मजदूर की भी मदद लेते हैं. केवल सब्जियों की खेती से वे सालाना 6 लाख रुपए से अधिक कमा ले रहे हैं. इससे परिवार समृद्ध हो रहा है.

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