राजकुमार सिंह/ वैशाली: पोल्ट्री फार्मिंग किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. कम लागत में कमाई का बेतहरीन जरिया बनता जा रहा है. खासकर ग्रामीण इलाके में मुर्गी पालन का चलन लगातार बढ़ता जा रहा है. बिहार के वैशाली जिला के ग्रामीण इलाकों में भी पोल्ट्री फार्मिंग बेहतरीन व्यवसाय साबित हो रहा है. मौजूदा समय में पोल्ट्री फार्मिंग आमदनी के सबसे बेहतर विकल्प के तौर पर उभर कर सामने आया है. खासकर बेरोजगार युवक इसके सहारे ना सिर्फ रोजगार सृजन कर रहे हैं बल्कि जॉब सीकर से जॉब क्रिएटर भी बन रहे हैं.
ऐसा ही कुछ किया है वैशाली जिला के मालीपुर गांव निवासी रमेश कुमार राय ने. रमेश ने पढ़ाई पूरी कर रोजगार की तलाश में कई जगहों पर प्रयास किया, लेकिन जब कहीं सफलता नहीं मिली तो रमेश कुमार राय ने मुर्गी प्लान शुरू किया और अब अच्छी कमाई कर रहे हैं.
10 हजार मुर्गियों का कर रहे हैं पालन
रमेश ने बताया कि शुरुआत में 1000 क्षमता वाला पोल्ट्री फार्म खोला. जिससे अच्छी आमदनी होने लगी तो क्षमता बढ़ाकर 10 हजार कर दिया. उन्होंने बताया कि 30 दिन में मुर्गियों का साइज एक किलो हो जाता है. इसके बाद इसे बाजार में बिक्री कर देते हैं. रमेश ने बताया कि एक मुर्गी तैयार करने में 105 रुपए खर्च आता है. उन्होंने बताया कि मुर्गी पालन में ठंड और गर्मी के दौरान विशेष ख्याल रखना पड़ता है. इसके लिए अलग-अलग व्यवस्था किए हैं.
सालाना 6 लाख से अधिक की हो जाती है कमाई
रमेश ने बताया कि बड़े पैमाने पर मुर्गी पालन करना एक व्यक्ति के वश की बात नहीं है. 10 हजार मुर्गियों की देखभाल के लिए चार लोगों को रखा है. इनका काम मुर्गियों को समय पर दाना-पानी और दवाई देना है.रमेश ने बताया कि एक मुर्गी तैयार कर बिक्री करने पर 10 रुपए का मुनाफा होता है. मुर्गी तैयार होने के तुरंत बाद व्यापारी आते हैं और एक बार वजन कराकर मुर्गियों को ले जाते हैं. रमेश कुमार राय ने बताया कि सालाना 6 टन मुर्गी अपने फार्म से निकालते हैं. इससे सालाना 6 लाख से अधिक की कमाई हो जाती है.
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FIRST PUBLISHED : February 18, 2024, 12:52 IST