पड़ोसियों के सुने ताने…नहीं छोड़ा रिहर्सल, टेलीविजन के शो के लिए चयन

नीरज कुमार/बेगूसराय. आजकल ज्यादातर युवा वेस्टर्न म्यूजिक को पसंद करते हैं, क्योंकि इसका चलन भी इन दिनों ज्यादा है. लेकिन बेगूसराय की 12 वर्ष की निशु ने इससे इतर शास्त्रीय संगीत और कथक नृत्य को अपनी पहचान का जरिया बनाया है. यही कारण है कि शुरुआत में जब निशु ने शास्त्रीय संगीत और कथक नृत्य सीखना शुरू किया तो ज्यादातर लोगों को यह पसंद नहीं आया, लेकिन अब निशु की प्रतिभा के हर कोई कायल हैं. निशु का कहना है कि उसे प्रशासन से भी मदद मिल रही है. आर्थिक सहायता भी की जा रही है.

स्कूल के कार्यक्रम से मिली प्रेरणा
बेगूसराय के कन्या मध्य विद्यालय बिहट सिमरिया में सांस्कृतिक कार्यक्रम होते रहता है. एक बार जब स्कूल में संगीत कार्यक्रम हुआ, तो इससे निशु का भी शास्त्रीय संगीत और कथक नृत्य के प्रति रुझान बढ़ा. इसके बाद वहमिथिला संगीत महाविद्यालय बिहट से जुड़ गई और शास्त्रीय संगीत और कथक नृत्य सीखने लगी. साल 2020 से अब तक वह लगातार अपनी मेहनत के दम पर पहचान बनाती गई.

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जिला से लेकर प्रदेश स्तर तक के कार्यक्रमों में अपनी प्रतिभा के दम पर प्रथम स्थान प्राप्त करती रही. आने वाले दिनों में वह बिहार महोत्सव में अपनी प्रतिभा से लोगों का दिल जीतेगी. निशु का चयन एक क्षेत्रीय टेलीविजन शो के लिए भी हुआ है.

पंडित बिरजू महाराज को मानती हैं आदर्श
निशु बताती है कि जब उसने शास्त्रीय संगीत और कथक नृत्य सीखना शुरू किया, तो आस-पड़ोस के लोग ताना मारते थे. लेकिन, निशु को उसके परिवार का साथ हमेशा मिलता रहा. आज जब वह लगातार मेडल और सम्मान ला रही है, तो समाज का नजरिया भी बदल गया. निशु अपना आदर्श पंडित बिरजू महाराज को मानती है. उनके ही नक्शे कदम पर चलकर अपनी पहचान बना रही है. निशु आज शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में बेगूसराय जिले की शान बनी हुई है.

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