पटवारी परीक्षा में घोटाले के आरोप को प्रशासन ने नकारते हुए आरोपों को किया खारिज

शादाब चौधरी/मन्दसौर. पटवारी चयन परीक्षा में घोटाले के आरोप के बाद विद्यार्थियों के द्वारा प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है. मध्यप्रदेश के मंदसौर में भी छात्र-छात्राएं सड़कों पर उतर आए हैं. मध्य प्रदेश सरकार और व्यापम के खिलाफ विद्यार्थियों का एक बड़ा समूह नारेबाजी करते हुए कलेक्टर ऑफिस पहुंचा और निष्पक्ष जांच की मांग के साथ दोषियों पर कार्यवाही के लिए ज्ञापन दिया. इस दौरान विद्यार्थियों के साथ एनएसयूआई और कांग्रेस से जुड़े कार्यकर्ता भी मौजूद थे.

प्रशासन ने इस पूरे मामले में सफाई देते हुए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है तो वहीं प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने भर्ती प्रक्रिया रोकने का ऐलान कर दिया है.

विद्यार्थियों का कहना है कि मध्यप्रदेश में ग्रुप 2, सब ग्रुप 4 पटवारी परीक्षा परिणाम में घोटाला हुआ है. परीक्षा परिणाम में टॉप 10 में से 7 छात्रों का परीक्षा केंद्र कॉलेज ग्वालियर है. 9000 उम्मीदवारों में से अधिकतम उम्मीदवारों का परीक्षा केंद्र N R I कॉलेज था, जिसमें ज्यादातर टॉपर्स के हस्ताक्षर हिंदी में हैं. एक ही परीक्षा केंद्र पर इतने टॉपर्स का आना कहीं ना कहीं घोटाले की ओर ध्यान केंद्रित कर रहा है. संयुक्त परीक्षा केंद्र के इतने कठिन पेपर में अन्य परीक्षा केंद्रों के परीक्षार्थी 140 नंबर नहीं ला पाए वहीं ग्वालियर के इस केंद्र के विद्यार्थियों ने 188 अंक तक कैसे हासिल कर लिए यह जांच का विषय है. विद्यार्थियों का कहना है कि मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल में इससे पहले भी कई प्रकार की गड़बड़ी सामने आई है और अन्य दूसरी परीक्षाओं में भी भ्रष्टाचार हुआ है.

प्रशासन की माने तो विद्यार्थियों का विरोध प्रदर्शन निराधार है. साथ ही प्रशासन आरोपों को खारिज कर रहा है तो वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भर्ती की प्रक्रिया रोक दी है.

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