Patna:
बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक जैसे ही छुट्टी से लौटे, वैसे ही एक्शन में आ गए. सबसे पहले 20 जनवरी को केके पाठक ने आदेश जारी किया कि बिना शिक्षा विभाग की अनुमति के स्कूलों को बंद करने का निर्देश जारी ना किया जाए. केके पाठक के आदेश के बाद भी पटना में स्कूलों को बंद कर दिया गया. जिसके बाद शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद सिंह ने 22 जनवरी को पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर कहा था कि एसीएस के निर्देश के अनुसार जिला शिक्षा पदाधिकारी को यह निर्देश दिया गया है कि जिले के सभी स्कूलों को खोल दिया जाए. जिस पर अब पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
पटना डीएम और केके पाठक आमने-सामने
इसके बारे में चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि स्कूलों को बंद करने के लिए विभागीय अनुमति लेने का प्रावधान नहीं है और ना ही इसे किसी गैर न्यायिक आदेश या पत्र से बदला जा सकता है. इस आदेश की सिर्फ सक्षम न्यायालय ही समीक्षा कर सकता है और इस तरह से माध्यमिक शिक्षा निदेशक का पत्र विधि के विरुद्ध है. यह जवाब माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद को पत्र लिखकर दिया गया.
डीएम ने दिया था स्कूलों को बंद करने का निर्देश
आपको बता दें कि पटना जिला प्रशासन ने 16 जनवरी तक कक्षा 8वीं तक के सभी क्लासेस को बंद करने का आदेश दिया था. वहीं, फिर छुट्टियों को बढ़ाने का निर्देश दिया. पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने यह आदेश जारी किया था. इसके साथ ही 9वीं से ऊपर के सभी कक्षाओं को सुबह 9 बजे से लेकर 3.30 बजे तक संचालित करने का आदेश दिया है. पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि जिले में ठंड का मौसम और कम तापमान अभी भी जारी है, जिससे बच्चों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. ऐसे में दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा-144 के तहत पटना जिले के सभी निजी और सरकारी स्कूलों में कक्षा 8वीं तक की सभी शैक्षणिक गतिविधियों पर 20 जनवरी तक प्रतिबंध लगाया गया है.