पंजाब सरकार ने राजस्व कर्मचारियों की हड़ताल की चेतावनी के बीच एस्मा लागू किया

अमृतसर में एक कार्यक्रम में मान ने कहा कि कर्मचारियों का ऐसा व्यवहार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ‘‘ब्लैकमेलिंग’’ के आगे नहीं झुकेगी। राजस्व पटवार यूनियन और राजस्व कानूनगो एसोसिएशन ने दावा किया है कि उनके सदस्य के खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया है और प्राथमिकी वापस लेने की मांग की है।

पंजाब सरकार ने राजस्व अधिकारियों और उपायुक्त कार्यालय के कर्मचारियों की हड़ताल के आह्वान के मद्देनजर बुधवार को पूर्वी पंजाब आवश्यक सेवा (रखरखाव) अधिनियम (एस्मा) को लागू कर दिया।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राजस्व अधिकारियों और उपायुक्त कार्यालयों के कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी जिसके कुछ घंटों के बाद एस्मा के प्रावधान लागू किए गए हैं।
राजस्व विभाग की ओर से जारी एक आदेश के अनुसार, सभी राजस्व अधिकारियों और उपायुक्त कार्यालय के कर्मचारियों को 31 अक्टूबर या अगले आदेश तक कार्यालय नहीं छोड़ने का निर्देश दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि आदेश का उल्लंघन करने पर एस्मा के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने पहले मुख्य सचिव के माध्यम से वित्तीय आयुक्त (राजस्व) को पूर्वी पंजाब एस्मा के प्रावधानों को लागू करने का निर्देश दिया था ताकि राज्य के बाढ़ से जूझने के बीच अगर कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की जा सके।
राजस्व पटवार यूनियन और राजस्व कानूनगो एसोसिएशन के बैनर तले दो हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने शुक्रवार से अनिश्चितकालीन काम बंद हड़ताल का आह्वान किया है। दरअसल, एक हफ्ते पहले संगरूर जिले में एक पटवारी और एक कानूनगो (दोनों राजस्व अधिकारियों) के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक मामला दर्ज किया गया था।
वहीं, ‘उपायुक्त कार्यालय कर्मचारी संघ’ ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 11 से 13 सितंबर तक काम बंद हड़ताल का आह्वान किया है।

हड़ताल के आह्वान के जवाब में, मान ने कर्मचारियों से कहा कि अगर वे हड़ताल पर जाते हैं, तो राज्य सरकार तय करेगी कि उन्हें काम वापस दिया जाए या नहीं। उनका इशारा इस ओर था कि कर्मचारी अपनी नौकरी गंवा सकते हैं। मान ने कहा कि हड़ताल के कारण जनता को परेशान नहीं होने दिया जाएगा।
सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पंजाबी में एक पोस्ट में, मान ने कहा, ‘‘जानकारी के अनुसार, रिश्वतखोरी मामले में शामिल अपने एक सहकर्मी के पक्ष में पटवारी, कानूनगो और अपनी निजी मांगों के लेकर डीसी (उपायुक्त) कार्यालय के कर्मचारी हड़ताल पर जाने वाले हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि वे हड़ताल पर जाने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन राज्य सरकार बाद में फैसला करेगी कि उन्हें वापस काम दिया जाए या नहीं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई शिक्षित बेरोजगार लोग हैं जो उनकी जगह काम करने को तैयार हैं, बस पंजाब के लोगों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

मान ने एक बयान में कर्मचारियों से अपने निहित स्वार्थों के लिए या भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे कर्मियों के समर्थन में अपनी प्रस्तावित हड़ताल पर आगे नहीं बढ़ाने को कहा। मान ने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
बाद में राजस्व विभाग ने अपने आदेश में कहा कि राहत सामग्री की आवश्यक आपूर्ति का उचित रखरखाव, किसानों को फसल मुआवजे का वितरण और राज्य में लोक व्यवस्था बनाए रखना सुनिश्चित करने के लिए पटवारी, कानूनगो और क्षेत्र राजस्व अधिकारी और उपायुक्त कार्यालय में अन्य अधिकारियों की 24 घंटे जरूरत है।
अमृतसर में एक कार्यक्रम में मान ने कहा कि कर्मचारियों का ऐसा व्यवहार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ‘‘ब्लैकमेलिंग’’ के आगे नहीं झुकेगी।
राजस्व पटवार यूनियन और राजस्व कानूनगो एसोसिएशन ने दावा किया है कि उनके सदस्य के खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया है और प्राथमिकी वापस लेने की मांग की है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *