न खाद… न पानी की जरूरत, मात्र ₹80 खर्च में ₹600 का मुनाफा, एक बार की लागत…

विक्रम कुमार झा/पूर्णिया. कृषि का दायरा काफी बढ़ने लगा है. अब कृषि खेत में नहीं बल्कि घरों तक पहुंच गया है. इसका उदाहरण है यह युवा किसान सचिन कुमार. जो पढ़ाई पूरी करने के बाद मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में कदम बढ़ाया. सचिन ने बताया कि पढ़ाई करने के बाद घर की आर्थिक समस्या से निपटने के लिए मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में कदम रखा. वह पूर्णिया के अमौर प्रखंड के आगामी पंचायत के रहने वाले हैं. उन्होंने कहा कि 2018 से मशरूम उत्पादन करता आ रहा हूं. चार तरह के बटन, ओयस्टर, दूधिया और पराली मशरूम का उत्पादन करते हैं. वह घर बैठे महीने का 60 हजार से अधिक मुनाफा कमाते हैं.

सचिन ने कहा कि मशरूम पौष्टिक और विटामिन वाली सब्जी है. जिस कारण लोगों को खूब पसंद आती है. इसका उत्पादन करने के लिए न तो अधिक पानी ना ही अधिक जगह और ना ही ज्यादा खर्चा होता है. मशरूम का उत्पादन 20 से 25 दिनों में होने लगता है. इसके उत्पादन के लिए गेहूं के भूसे की जरूरत होती है. हल्का पानी और प्लास्टिक बैग के साथ स्पन यानी मशरूम के बीज की जरूरत है. इसके अलावा किसी चीज की जरूरत नहीं होती है. इसको बनाने के लिए मिट्टी की कोई जरूरत नहीं होती है. ऐसे में प्लास्टिक पैक में आसानी से इसका उत्पादन हो सकता है. मशरूम का एक बार उत्पादन करने के बाद तीन बार तक फलन होता है.

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