न कोचिंग, न लाखों की फीस, युवक ने घर में ऐसे तैयारी करके पाई 5 सरकारी नौकरी

03

freepik

उन्होंने अपने घर में एक विशेष कमरा बनवाया और लक्ष्य तक पहुँचने के लिए अपने दिन और रात उसी कमरे में बिताने लगे. उनके माता-पिता गाडे सम्मैया और निर्मला ने उन्हें इस संबंध में बहुत प्रोत्साहित किया. भले ही वह पहले प्रयास में असफल रहे, लेकिन साई लेनिन ने प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करने के प्रति अपना आत्मविश्वास, इच्छा शक्ति, प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प कभी नहीं खोया. (सांकेतिक तस्वीर, साभार – फ्रीपिक)

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *