न्यूनतम 68 हजार होगी सालाना इंजीनियरिंग फीस, AICTE ने राज्यों को भेजा लेटर

रिपोर्ट में सिफारिश है कि इंजीनियरिंग के पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए 1,41,200 से 3,04,000 रुपये के बीच है. वही मैनेजमेंट में पीजी प्रोग्राम के लिए 85,000 रुपये से लेकर 1,95,200 रुपये फीस तय की गई है.

News Nation Bureau | Edited By : Nihar Saxena | Updated on: 22 May 2022, 04:18:59 PM
AICTE

शिक्षा मंत्रालय ने एआईसीटीई की इस महत्वपूर्ण सिफारिश को स्वीकार किया. (Photo Credit: न्यूज नेशन)

highlights

  • एआईसीटीई ने न्यूनतम और अधिकतम फीस सीमा तय करने के सुझाव दिए
  • तीन वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम के लिए न्यूनतम सालाना फीस 67,900 रुपये
  • चार साल के डिग्री प्रोग्राम के लिए सालाना न्यूनतम फीस 79,600 रुपये

नई दिल्ली:  

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की देश में इंजीनियरिंग कोर्स के लिए न्यूनतम फीस लगभग 68,000 रुपये तय करने की सिफारिश है. शिक्षा मंत्रालय ने एआईसीटीई की इस महत्वपूर्ण सिफारिश को स्वीकार कर लिया. वहीं एआईसीटीई ने सभी राज्यों से इसे लागू करने के लिए कहा है. इसके लिए राज्य सरकारों को एआईसीटीई ने पत्र भी लिखा है. बीते माह एआईसीटीई ने अपनी रिपोर्ट में न्यूनतम और अधिकतम फीस सीमा तय करने के सुझाव दिए थे. इसमें इंजीनियरिंग के तीन वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम के लिए न्यूनतम सालाना फीस 67,900 रुपये और अधिकतम 1,40,900 रुपये रखी गई है. वहीं चार साल के डिग्री प्रोग्राम के लिए सालाना न्यूनतम फीस 79,600 रुपये और अधिकतम 1,89,800 रुपये रखी है.

रिपोर्ट में सिफारिश है कि इंजीनियरिंग के पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए 1,41,200 से 3,04,000 रुपये के बीच है. वही मैनेजमेंट में पीजी प्रोग्राम के लिए 85,000 रुपये से लेकर 1,95,200 रुपये फीस तय की गई है. हालांकि प्रत्येक राज्य की भी अपनी एक रिव्यू कमेटी है, जिसके आधार पर वे इसकी समीक्षा करके फीस स्ट्रक्चर तय करेंगे. गौरतलब है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय प्रचीन भारतीय ज्ञान प्रणाली पर आधारित पुस्तक भी लेकर आया है. मंत्रालय ने फैसला किया है कि प्राचीन नगर नियोजन, पुरानी इंजीनियरिंग, खगोल विज्ञान, पुरानी वास्तुकला और तकनीक के बारे में इंजीनियरिंग के छात्रों को पढ़ाया जाएगा. इसके लिए एक नई पाठ्यसामग्री एआईसीटीई द्वारा तैयार की गई है. सोमवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ‘भारतीय ज्ञान प्रणालियों का परिचय, अवधारणाएं और अमल’ पर यह पाठ्यपुस्तक जारी की है.

इस पाठ्यपुस्तक का पाठ्यक्रम भारतीय प्रबंधन संस्थान, बेंगलुरू द्वारा व्यास योग संस्थान, बेंगलुरू और चिन्मय विश्व विद्यापीठ, एनार्कुलम के सहयोग से विकसित किया गया है. यह प्रोफेसर बी महादेवन, आईआईएम बेंगलुरू द्वारा लिखा गया है और एसोसिएट प्रोफेसर विनायक रजत भट, चाणक्य विश्वविद्यालय, बेंगलुरू, एवं चिन्मय विश्व विद्यापीठ, एर्नाकुलम में वैदिक ज्ञान प्रणाली स्कूल में कार्यरत नागेंद्र पवन आर एन इसके सह-लेखक हैं. यह पुस्तक हाल ही में एआईसीटीई द्वारा अनिवार्य किए गए भारतीय ज्ञान प्रणालियों पर आवश्यक पाठ्यक्रम की आवश्यकता को पूरा करती है. शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक वैसे तो यह पुस्तक मुख्य रूप से इंजीनियरिंग संस्थानों द्वारा उपयोग के लिए लिखी गई है, लेकिन यह अन्य विश्वविद्यालय प्रणालियों (लिबरल आर्ट्स, चिकित्सा, विज्ञान और प्रबंधन) की आवश्यकता को आसानी से पूरा करने में मदद करती है.




First Published : 22 May 2022, 04:18:59 PM






Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *