नौकरी नहीं मिली.. तो पुश्तैनी जमीन में शुरू इस फसल की खेती, अब सालाना हो रह…

मोहन प्रकाश/सुपौल. सुपौल जिले के किसान खेती कर आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे हैं. ऐसे ही एक किसान सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के दाहोपट्टी वार्ड-8 निवासी वीरेंद्र कुमार मेहता हैं. जो पिछले 5 साल से मौसम के अनुसार होने वाली खेती कर अग्रणी किसानों में शामिल हो गए हैं. दरअसल, वे पारंपरिक फसलों के साथ-साथ 10 एकड़ में कई तरह की साग-सब्जियों की खेती किया करते हैं. इससे वे सालाना 6 लाख से अधिक मुनाफा कमा रहे हैं. वीरेंद्र बताते हैं कि वे मक्का की भी खेती 2 एकड़ में कर रहे हैं. मार्केट में अच्छा रेट मिल जाता है. यही वजह है कि उन्हें अच्छा मुनाफा हो जाता है.

वीरेंद्र बताते हैं कि इंटर की पढ़ाई के बाद से ही वे रोजगार की तलाश करने लगे थे. लेकिन, मनमाफिक काम नहीं मिल पा रहा था. इधर, पुश्तैनी जमीन पर पिता खेती किया करते थे. फिर, मन में ख्याल आया कि क्यों न पिता की पुश्तैनी खेती को ही आगे बढ़ाया जाए. इसके बाद वीरेंद्र ने पुश्तैनी जमीन पर ही मक्का की खेती से शुरुआत की. मुनाफा होने लगा तो वीरेंद्र अब 10 एकड़ में खेती कर रहे हैं.

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खेत पर पहुंचकर खरीदते हैं कारोबारी
वे बताते हैं कि इस बार उन्होंने 2 एकड़ में मक्का लगाया है. गेंहू की फसल भी 2 एकड़ में लगी हुई है. वहीं, अगात सब्जियों की खेती भी वे करते है. ऐसे में उत्पादित फसल बेचने बाजार भी नहीं जाना पड़ता है. कारोबारी खेत पर आकर मक्का, गेहूं और सब्जी खरीद लेते हैं. सब्जियों में बंद गोभी, फूल गोभी, भिंडी, झींगा, बैंगन, परवल की खेती करते हैं. इसमें मजदूर की भी मदद लेते हैं. खेती से वे सालाना 6 लाख रुपए से अधिक कमा ले रहे हैं. इससे परिवार समृद्ध हो रहा है.

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