गौरव सिंह/भोजपुर. उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई हिंसा में बिहार के आरा में रहने वाले एक युवक की भी मौत हो गई. वह घर चलाने के लिए वहां नौकरी की तलाश में गया था लेकिन परिवार को नौकरी मिलने की सूचना से पहले मौत की सूचना मिली. मृतक आरा के सिन्हा ओपी के छीने गांव के श्यामदेव सिंह के 24 वर्षीय पुत्र प्रकाश कुमार थे. जो रोजगार की तलाश के लिए नैनीताल गए थे. जहां हुई हिंसा में युवक की गोली लगने से मौत हो गई है. इसके बाद घर में मातम पसर गया.
मृतक की बहन नरगिस के द्वारा बताया गया कि पांच बहन और दो भाई के साथ बूढ़े माता-पिता की देखरेख करने वाला एकलौता भाई प्रकाश था. उसके कंधे पर ही घर की सारी जिम्मेदारी थी. बिहार में पांच साल से नौकरी की तलाश करने के बाद किसी के द्वारा बताया गया कि नैनीताल में नौकरी मिल जाएगी. ये सुनकर वो 6 फरवरी को नैनीताल गया था. नैनीताल जाने के बाद फोन पर छोटे भाई और अन्य बहनों से लगातार उसकी बात हो रही थी. 8 फरवरी की रात तकरीबन 8 बजे उसकी आखिरी बार छोटे भाई आकाश उर्फ अभिराज से बात हुई थी. उसके बाद से फोन लगना बंद हो गया. जिसके बाद कल यानी 10 फरवरी को दोपहर में हल्द्वानी पुलिस के द्वारा परिजनों को फोन कर जानकारी दी गई कि आपके बेटे के साथ दुर्घटना हुई है. इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. आप लोग जल्दी आ जाइए. जिसके बाद प्रकाश के बहनोंई दिल्ली से नैनीताल गए तो देखा कि वह सुशीला तिवारी मेडकिल कॉलज नैनीताल अस्पताल में मृत पड़ा है. उसके सिर के पीछे कई गोलियों के निशान हैं.
यह भी पढ़ें- बिहार की सबसे बड़ी बाजार, झोले में रुपए लाए.. ट्रक भरकर कपड़े लें जाए, नेपाल से भी आते हैं खरीदार
बहनों से किया था यह वादा
मृतक की पांच बहने है. मृतक की माता ने बताया गया कि मेरी शादी के बाद हम लोगों को बेटा नहीं हो रहा था. जिस वजह से हमने कई देवी-देवताओं से मन्नत मांगी थी. फिर जाकर पांच बेटी के बाद एक बेटे का जन्म हुआ था. उसका व्यवहार इतना अच्छा था कि परिवार समेत पूरे गांव के लोग उसको बहुत मानते थे. प्रकाश ने बड़े होने के साथ ही पूरे घर की जिम्मेदारी को अपने कंधे पर उठा लिया था. बीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद से ही वो नौकरी की तैयारी करता था. छोटा-मोटा काम कर के घर को चलाता था. पांचों बहनों से उसको खास लगाव था. नौकरी ढूंढने जा रहा था तो बहनों को वादा कर के गया था कि सबके लिए महंगा गिफ्ट खरीदेगा. लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था. नौकरी की सूचना मिलने के पहले उसकी मौत की सूचना मिली.
पिता ने सरकार से की यह मांग
हत्या की घटना के बाद मृतक प्रकाश के पिता श्यामदेव सिंह रोते हुए बोले कि मेरे घर का एकलौता कमाने वाला चिराग था. मेरा बेटा कई साल से यहां नौकरी की तैयारी करता रहा, लेकिन उसकी नौकरी नहीं लगी. जिस वजह से मजबूरी में वो नैनीताल गया. जहां उसकी हिंसा में हत्या हुई. हम बिहार उत्तराखंड और केंद्र सरकार से मांग करते है कि मेरे बेटे की मौत की जांच कराई जाए. हमे जीने के लिए नौकरी का सहारा दिया जाए, ताकि हम अपने परिवार को जिंदा रख सकें.
.
Tags: Bhojpur news, Bihar News, Crime News, Haridwar Police, Local18
FIRST PUBLISHED : February 11, 2024, 20:18 IST