परमजीत कुमार/देवघर. किसी भी पर्व त्योहार को मनाने के लिए शुभ तिथियां, शुभ मुहूर्त देखा जाता है. वहीं कल दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा. दीपावली को प्रकाश पर्व माना जाता है. क्योंकि इस दिन पूरा देश दीये की रोशनी से जगमगा उठता है. अब तो दीपावली भारत मे ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी मनाई जाती है. दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन भी किया जाता है. इस दिन अमावस्या तिथि के कारण मां काली की भी पूजा आराधना की जाती है. वहीं, देवी देवताओं की पूजा शुभ मुहूर्त में करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने बताया कि दीपावली के पर्व में भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है. साथ ही इसी रात में मां काली की भी पूजा आराधना की जाती है. दीपावली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा आराधना करने से धन-धान्य में बढ़ोतरी होती है. वहीं ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि पूजा करने के लिए सही मुहूर्त का होना जरूरी है. माता लक्ष्मी की पूजा प्रदोष काल में की जाती है और माता काली की पूजा अर्धरात्रि में. साथ ही दीपावली की अगले दिन सूर्यास्त से पहले मां लखी की पूजा की जाती है. इस समय पूजा करने से जातक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त
देवघर के ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि माता लक्ष्मी और भगवान गणेश पूजन प्रदोष काल में किया जाता है. वहीं, 12 नवंबर को शाम 5 बजकर 30 मिनट से लेकर रात्रि 7 बजकर 2 मिनट तक माता लक्ष्मी और भगवान गणेश, धन के देवता कुबेर की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त है. साथ ही एक और शुभ मुहूर्त है, जो निशीथ काल का है. निशीथ काल रात्रि 11 बजकर 45 मिनट से लेकर रात्रि 12 बजकर 36 मिनट तक रहने वाला है. इस मुहूर्त में पूजा करना अति शुभ माना गया है. वहीं काली पूजा अमावस्या के दिन अर्ध रात्रि में की जाती है. काली पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त रात्रि 11 बजकर 35 मिनट से लेकर रात्रि के 1 बजकर 12 मिनट तक है. वहीं दीपावली की अगले सुबह दरिद्रता बाहर करने के बाद स्नान कर मां लखी की पूजा की जाती है. मां लखी की पूजा सूर्योदय से दोपहर के पहले तक की जा सकती है.
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FIRST PUBLISHED : November 11, 2023, 18:09 IST