विजय कुमार/ग्रेटर नोएडा: हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट की बैठक के बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा में तमाम हाउसिंग सोसायटियों के फ्लैट्स की रजिस्ट्री का रास्ता खुल गया है. लोगों में खुशी हैं कि अब उनको घर का मालिकाना हक मिल सकेगा और उनके घरों की रजिस्ट्री हो सकेगी. लेकिन हम आज आपको एक ऐसी सोसायटी के बारे में बताएंगे जहां पर बिल्डर की लापरवाही की वजह से लोगों के फ्लैट की रजिस्ट्री कई सालों से अटकी पड़ी है. सरकार के नए आदेश के बाद भी लोगों लगता है अब भी उनके फ्लैट्स की रजिस्ट्री नहीं हो पाएगी.
गौरतलब है की यूपी सरकार ने नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की रिपोर्ट पर मुहर लगाते हुए रियल एस्टेट के रेजीडेंशियल प्रोजेक्ट्स के डेवलपर को दो साल का जीरो पीरियड दे दिया है. इस फैसले से बिल्डर्स को राहत तो मिलेगी ही, साथ ही साथ लाखों होमबायर्स को बड़ा फायदा होगा. इस जीरो पीरियड का ब्याज डेवलपर को नहीं देना होगा. ऐसे में बकाया जमा न करने वाले डेवलपर्स के प्रोजेक्ट में रहने वाले लाखों लोगों के फ्लैटों की रजिस्ट्री का रास्ता खुल गया है. इस फैसले के बाद उन फ्लैट्स की अब रजिस्ट्री हो सकेगी, जो कुछ सालों से लटके हुए थे.
कमर्शियल प्रोजेक्ट को नहीं मिलेगी छूट
जहां प्रदेश सरकार के आदेश के बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा की तमाम हाउसिंग सोसायटियों के लोग खुश नजर आ रहे हैं. वहीं ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित स्पोर्ट्स सिटी में बने एपेक्स गोल्फ एवेन्यू के निवासी अभी भी सरकार के आदेश के बाद मायूस हैं. दरअसल, प्रदेश सरकार द्वारा जो निर्देश जारी किए गए हैं उसमें स्पोर्ट्स सिटी और कमर्शियल प्रोजेक्ट को दूर रखा गया है. दरअसल स्पोर्ट्स सिटी को इसलिए बनाया गया था ताकि यहां पर स्पोर्ट्स एक्टिविटी हो सके. लेकिन बिल्डर ने प्राधिकरण के साथ मिली भगत कर यहां भी हाउसिंग सोसायटी बना दिया. यहां पर रहने वाले 750 फ्लैट मालिकों को घर तो मिल गया है. लेकिन स्पोर्ट्स सिटी में हाउसिंग सोसायटी होने के कारण उनके घरों की रजिस्ट्री का रास्ता नहीं खुल पा रहा है.
6 साल से जारी है संघर्ष
एपेक्स गोल्फ एवेंन्यु में रहने वाले रोहित मिश्रा बताते हैं कि इस सोसाइटी में करीब 750 परिवार रहते हैं. जिन्हें घर का पजेशन तो मिल गया लेकिन 5 से 6 साल हो गए हैं उनके घर की रजिस्ट्री नहीं हो पाई है. वह लगातार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और रेरा के अधिकारियों से भी मिलते हैं और सड़कों पर प्रदर्शन भी करते हैं. उसके बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं होती है.
स्पोर्ट्स सिटी को नहीं मिलेगा लाभ
रोहित मिश्रा बताते हैं कि सरकार द्वारा जो निर्देश दिए गए हैं उसमें स्पोर्ट्स सिटी को बाहर रखा गया है. ऐसे में वह बेहद परेशान है कि आखिर उनके फ्लैट का मालिकाना हक उन्हें कब मिलेगा. वहीं जब हमने स्पोर्ट्स सिटी के प्रोजेक्ट एपेक्स गोल्फ एवेंन्यु के बायर्स की रजिस्ट्री को लेकर बात करने की कोशिश की तो बिल्डर संदीप बत्रा के मैनेजर राजीव शर्मा से न तो फोन पर कोई जवाब दिया और न ही बात करने के लिए सामने आए .
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FIRST PUBLISHED : December 24, 2023, 22:26 IST