जयपुर. स्वाधीन भारत के पहले चुनाव यानी साल 1952 से लेकर साल 2023 तक के चुनाव में राजस्थान के मतदाताओं ने हिस्सा लिया है. लगभग आधी सदी से भी ज्यादा समय के इस सफर में कई मतदाताओं ने शुरू से लेकर अब तक हर चुनाव में वोट डाला और अपनी अहम भूमिका निभाई. खास बात ये है कि इन मतदाताओं में जो जोश पहले था, वही आज भी बरकरार है. 107 साल की कमला देवी आज भी उसी उत्साह से वोट डालने पहुंचती हैं.
जोधपुर के भीतरी शहर की रहने वाली कमला देवी की उम्र 107 साल है, लेकिन मतदान को लेकर उनका उत्साह 18 साल की युवा की तरह है. उन्होंने पहली बार 36 साल की उम्र में साल 1952 में वोट डाला था. तब लेकर हर चुनाव में मतदान करती आ रही हैं. कमला देवी को बहुत सारे नागरिक सम्मान पुरस्कार मिल चुके हैं. इसके साथ कमला देवी के घर के आंगन में साल 1952 से अखण्ड जोत जल रही है. इस जोत के दर्शन करने विधानसभा के सभी प्रत्याशी उनके यहां पहुंचते हैं. कमला देवी मतदाताओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं.
जहूर खान भी हैं पहले मतदान के साक्षी
जोधपुर के सिवांची गेट के रहने वाले जहूर खान भी पहले से लेकर अब तक के चुनावों की साक्षी हैं. वह बताते हैं कि साल 1952 में जब पहली बार चुनाव हो रहे थे. तब वे मात्र 12 साल के थे. वे अपने पिताजी के साथ मतदान देखने के लिए गए हुए थे. जहूर खान की उम्र 83 साल हो गई है, वे अब तक 26 किताबें लिख चुके हैं. उन्होंने कहा कि वे इस उम्र में पूरे उत्साह के साथ मतदान कर सकते हैं. युवाओं को भी पूरे जोश के साथ मतदान करना चाहिए.
प्रथम चुनाव से लेकर अब तक डाल रहे वोट
बांसवाड़ा जिले के तलवाड़ा गांव की रहने वाली 92 साल की निर्मला देवी वोट डालने जाती हैं. साथ ही लोगों को भी मतदान के लिये प्रेरित करती हैं. बीते कई सालों में मुहर लगाकर वोट डालने से लेकर ईवीएम का बटन दबाने तक उन्होंने वोटिंग में हिस्सा लिया है. हालांकि उम्र के साथ अब उनकी याददाश्त कमजोर होती जा रही है. बांसवाड़ा के ठीकरिया गांव के रहने वाले नारायण जोशी भी प्रथम आम चुनाव 1952 से लेकर अब तक हर चुनाव में वोट डालते आ रहे हैं. 90 साल की उम्र में उनका जोश भी नए मतदाताओं की तरह ही है.
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FIRST PUBLISHED : October 18, 2023, 19:23 IST