आइए जानते हैं कि इन सीटों पर किसे मिलेगा मौका और कौन होगा रिजेक्ट:-
फूलपुर सीट
सबसे पहले बात यूपी के प्रयागराज की करते हैं. यहां की एक लोकसभा सीट है फूलपुर, जो बेहद हाई प्रोफाइल वीआईपी सीट मानी जाती है. इसी सीट से देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने तीन बार लगातार चुनाव जीता था. इस सीट पर कांग्रेस, जनता दल, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने अलग-अलग समय पर अपना परचम लहराया. फिलहाल इस सीट पर बीजेपी का कब्ज़ा है.
बीजेपी किस पर खेलेगी दांव?
बीजेपी की बात करें, तो उम्मीदवारों की लिस्ट में सबसे पहला नाम केशव प्रसाद मौर्य का चल रहा है. मौर्य अभी यूपी के डिप्टी सीएम हैं. 2014 में वो इसी सीट से 3 लाख से अधिक वोटों से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. इस सीट पर कुर्मी और ओबीसी मतदाता हैं. इसलिए केशव प्रसाद मौर्य को इस सीट से प्रबल दावेदार माना जा रहा है. फूलपुर सीट पर बीजेपी से दूसरा नाम केशरी देवी पटेल का चल रहा है. वो मौजूदा सांसद हैं, लेकिन हमारी जानकारी के मुताबिक उनका नाम फ़िलहाल वेटिंग लिस्ट में है.
फूलपुर सीट पर बीजेपी के दीपक पटेल का नाम भी चर्चा में है. दीपक प्रयागराज की करछना विधानसभा सीट से 2012 में विधायक थे. दीपक को इसलिए भी प्रबल दावेदार माना जा रहा है, क्योंकि वो फूलपुर सीट की मौजूदा सांसद केशरी देवी पटेल के बेटे हैं.
अपना दल किसे बना सकती है उम्मीदवार
अगर ये सीट बीजेपी अपना दल (एस)को देती है, तो नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल को टिकट मिल सकता है. नागेंद्र 2018 में फूलपुर से केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद हुए उपचुनाव में, समाजवादी पार्टी के टिकट पर लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे. लेकिन 2022 में नागेंद्र ने अपना दल का दामन थाम लिया था. नागेंद्र इस समय अपना दल (एस) के राष्ट्रीय महासचिव भी है. वो केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल से खास माने जाते है. नागेंद्र सिंह पटेल ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत 1996 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से छात्रनेता के रूप में की थी.
सपा किसपर जताएगी भरोसा?
विपक्ष की बात करें, तो समाजवादी पार्टी से धर्मेंद्र यादव का नाम बहुत चर्चा में है. ये सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के भाई है. धर्मेंद्र यादव बदायूं से दो बार सांसद रहे है. अटकलें तेज हैं कि इस बार सपा धर्मेंद्र को फूलपुर सीट से उतार सकती है. हालांकि, अभी तक किसी भी पार्टी ने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है.
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विपक्षी गठबंधन से कौन हो सकता है प्रत्याशी?
वहीं, विपक्षी गठबंधन की बात करें, तो पल्लवी पटेल का नाम काफी आगे चल रहा है. पल्लवी पटेल कौशांबी जिले के सिराथू से मौजूदा विधायक हैं. वह अपना दल (कमेरावादी) पार्टी की नेता हैं. फूलपुर सीट ही पल्लवी पटेल के पिता और अपना दल के संस्थापक डॉक्टर सोनेलाल पटेल की कर्मभूमि थी. 2022 विधानसभा चुनाव में पल्लवी पटेल को सपा ने अपने सिंबल से सिराथू सीट से उतारा था. पल्लवी पटेल ने कद्दावर बीजेपी नेता केशव प्रसाद मौर्य को हरा दिया था.
बेलगावी सीट (कर्नाटक)
अब बात कर्नाटक के बेलगावी लोकसभा सीट की करते हैं. बेलगावी को बेलगाम भी कहते हैं. ये महाराष्ट्र की सीमा पर लगा ज़िला है. दोनों राज्यों में सीमा विवाद भी रहता है. ज़िले में मराठी भाषी लोगों की तादात भी काफ़ी ज़्यादा है. ये सब कुछ यहां के राजनीतिक समीकरण का बड़ा हिस्सा है. बेलगावी सीट फिलहाल बीजेपी के पास है. मंगला सुरेश अंगड़ी मौजूदा सांसद हैं.
बेलगावी से बीजेपी का उम्मीदवार कौन?
बीजेपी की ओर से मौजूदा सांसद मंगला सुरेश अंगड़ी की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है. पति सुरेश अंगड़ी की मौत के बाद उन्होंने उपचुनाव जीता था. ये माना जाता है कि उनके साथ उस समय सहानुभूति की लहर थी. लेकिन हमारे सूत्र कह रहे हैं कि इस बार इनका टिकट कट सकता है. इस सीट से दूसरा नाम जगदीश शेट्टार का चल रहा है. ये मज़बूत लिंगायत नेता हैं. राज्य के पूर्व सीएम भी रह चुके हैं. कुछ दिन के लिए कांग्रेस में चले गए थे, लेकिन अब वापस बीजेपी में आ चुके हैं. इनका टिकट भी हमारी रिपोर्ट्स के मुताबिक वेटिंग लिस्ट में ही है. बीजेपी की ओर से तीसरा नाम महंतेश कवातागीमठ का चल रहा है. ये संघ से जुड़े कर्मठ कार्यकर्ता के तौर पर जाने जाते है. पूर्व एमएलसी रहे हैं. नाम इनका भी फ़िलहाल वेटिंग में ही है.
कांग्रेस किसपर जताएगी भरोसा?
कांग्रेस की बात कर लेते हैं. पहला नाम मृणाल हेब्बालकर का चल रहा है. मृणाल एक बिज़नेसमैन के तौर पर जाने जाते हैं. इनकी मां लक्ष्मी हेब्बालकर कर्नाटक की महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री हैं. बेलगावी जिले में लिंगायतों का दबदबा है. मृणाल की दावेदारी उनकी मां खुलकर कर चुकी हैं. कांग्रेस से सतीश लक्ष्मणराव जारकीहोली का नाम भी चर्चा में है. ये अनुसूचित जाति से आते हैं. मौजूदा सिद्धरमैया सरकार में PWD मंत्री हैं.
छत्रपति संभाजीनगर सीट (महाराष्ट्र)
आखिर में बात महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के छत्रपति संभाजीनगर सीट की करते हैं. औरंगाबाद शहर इस ज़िले का मुख्यालय है और मराठवाड़ा क्षेत्र का सबसे बड़ा शहर भी. ऐतिहासिक तौर पर ये इलाका बहुत समृद्ध है. यहां अजंता-एलोरा की गुफाएं हैं, जो विश्व धरोहर स्मारक हैं. इसके अलावा दौलताबाद क़िला और बीबी का मक़बरा जैसे वास्तुकला के नमूने भी यहां देखने को मिलते हैं. 2022 में औरंगाबाद ज़िले का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी नगर रख दिया गया था.
AIMIM किसे देगी मौका?
पहला नाम मौजूदा सांसद इम्तियाज़ जलील का चल रहा है. वो इससे पहले 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा में औरंगाबाद सेंट्रल से विधायक रहे थे. सियासत में आने से पहले इम्तियाज़ जलील पत्रकार थे और NDTV में भी काम कर चुके हैं. अपनी पार्टी से इनका टिकट कन्फ़र्म है.
शिवसेना किसे उतारेगी?
चंद्रकांत खैरे शिवसेना के काफ़ी पुराने योद्धा रहे हैं. वो चार बार सांसद रह चुके हैं. पिछली बार 2019 में औरंगाबाद सीट पर वो AIMIM के इम्तियाज़ जलील से हार गए थे. इस बार फिर से शिवसेना (यूबीटी) ने उन्हें चुना है. चंद्रकांत खैरे उद्धव ठाकरे के काफी नज़दीकी हैं. उनका औरंगाबाद से टिकट कंफर्म है.
बीजेपी से कौन होगा उम्मीदवार?
भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भाग्वत कराड का नाम चल रहा है, ये पार्टी का ओबीसी चेहरा भी हैं. भाग्वत कराड पेशे से डॉक्टर हैं. इनका नाम वेटिंग लिस्ट में है. बीजेपी से अतुल सावे का नाम भी चर्चा में है. ये अभी महाराष्ट्र सरकार मे गृहनिर्माण मंत्री हैं. पार्टी में एक और ओबीसी चेहरे के तौर पर जीवन राजपूत का भी नाम उभर रहा है. ये पेशे से डॉक्टर हैं और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नज़दीकी माने जाते हैं.
महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन से शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट के पैठण से विधायक संदीपनराव भुमरे का नाम भी चर्चा में है. भुमरे कैबिनेट मंत्री हैं और छत्रपति संभाजीनगर लोकसभा चुनाव से टिकट चाहते हैं..
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