नई दिल्ली. गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को संसद में जम्मू कश्मीर से जुड़े दो संशोधन विधेयक पर अपनी बात रखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की जमकर क्लास लगाई. अमित शाह ने कहा कि नेहरू की कई गलतियों के कारण कश्मीर के लोगों को 70 साल तक इसका खामियाजा भुगतना पड़ा. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना पीओके से पाकिस्तानी सेना को भगाने में काफी मजबूत स्थिति में थी. दो दिन ओर मिल जाते तो आज कश्मीर भारत का हिस्सा होता. नेहरू जी के कारण ऐसा नहीं हो सका. उन्होंने इस दौरान फील्ड मार्शल सैम मानेक शाह का भी जिक्र किया. आइये हम आपको गृह मंत्री के बयान की 10 बड़ी बातें बताते हैं.
अमित शाह ने नेहरू मेमोरियल में मौजूद एक किताब का जिक्र करते हुए कहा कि खुद तत्कालीन प्रधानमंत्री ने कश्मीर को लेकर अपनी गलती को स्वीकार किया था. अमित शाह ने तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रधानमंत्री नेहरू से मुलाकात के प्रकरण के बारे में बताया.
अमित शाह ने कहा- पाकिस्तान द्वारा साल 1947 में कश्मीर पर आक्रमण करने के बाद हुई इस मीटिंग के दौरान सैम मानिक शाह भी वहां मौजूद थे. नेहरू कश्मीर में फौज भेजने से हिचकिचा रहे थे. पटेल ने नेहरू से कहा कि आपको कश्मीर चाहिए या नहीं? कश्मीर में सेना भेजने में इतना वक्त क्यों लिया जा रहा है. इस मुलाकात के बाद कश्मीर में सेना भेजने का निर्णय लिया गया.
अमित शाह ने कहा कि कश्मीर में हमारी सेना बढ़त पर थी. दो दिन और मिल जाते तो भारत पूरे पीओके को खाली करा लेता. नेहरू ने गलत वक्त पर सीज फायर करवा दिया. यूनाइटेड नेशन में जाना भी उनकी एक बड़ी गलती थी.
अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि सभी जानते हैं कि कश्मीर के विलय में इसलिए देरी हुई थी, क्योंकि शेख अब्दुल्ला को विशेष स्थान देने का आग्रह था, जिसके चलते पाकिस्तान को आक्रमण करने का मौका मिला.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस पार्टी ने प्रेस कांफ्रेंस की और कहा कि धारा 370 को गलत तरीके से हटाया गया. देश की संसद के दोनों सदनों ने राष्ट्रपति के सीईओ को अनुमोदना दिया, कानून पारित हो गया, कानून नोटिफाइड हो गया, किसी ने सुप्रीम कोर्ट में कानून को चैलेंज किया, सुप्रीम कोर्ट ने इस पर बहस हुई, पांच जजों की बेंच बनी और आज इस पर फैसला भी आ गया. मगर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ये (कांग्रेसी) कहते हैं कि हम इसको नहीं मानते हैं और हम मानते हैं कि धारा 370 को गलत तरीके से हटाया गया है.
गृह मंत्री ने कहा- पहले जम्मू में 37 सीट थी, अब नए डिलिमिटेशन कमीशन ने 43 सीट कर दी है. कश्मीर में 46 सीट थी अब 47 कर दी है. जम्मू-कश्मीर में पहले 83 सीट थी, जो अब बढ़ाकर 90 सीट कर दी है, जिसे भारत सरकार ने मान लिया है. पीओके की 24 सीटों को आरक्षित रखा गया है क्योंकि पीओके हमारा है और इसे हमसे कोई नहीं छीन सकता.
गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर संशोधन बिल पर बोलते हुए कहा कि नेहरू के कारण कश्मीर यहां इस स्थिति में है. मैं यह कहना चाहता हूं कि जो लोग आजादी की संरचना को जानते हैं, उन्होंने हैदराबाद को भी देखा. क्या जूनागढ़ में नेहरू गए थे? क्या हैदराबाद में नेहरू गए थे? क्या उदयपुर में नेहरू गए थे? नेहरू केवल एक जगह गए थे और वहां भी काम अधूरा छोड़कर आ गए.
अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि आतंक की वजह से कश्मीर से पंडितों का पलायन हुआ. कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि कश्मीर पर हमारा नजरिया थोड़ा तंग है. जहां तक तंग नजरिए का सवाल है, जहां तक देश की जमीन पर अधिकार का सवाल है, हमारा नजरिया तंग ही रहेगा. किसी को हक नहीं है कि देश की एक इंच पर कब्जा कर लें. देश की जमीन चली जाए और हम चुप चाप बैठे रहें, ऐसा नहीं हो सकता.
अमित शाह ने कहा कि धारा 370 से पहले आतंकवादियों के जनाजे में 25-25 हजार की भीड़ आती थी, लेकिन 370 के बाद कोई भीड़ देखी गई? क्योंकि हमने निर्णय किया है, जो भी आतंकवादी मारा जाएगा, उसी जगह पर संपूर्ण धार्मिक सम्मान और रीति-रिवाज के साथ वहीं दफना दिया जाएगा.
गृह मंत्री ने कहा, ‘2004-14 सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के शासन काल के दौरान कुल आतंकवाद की घटनाएं 7,217 हुईं. 2014 से 2023 श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के शासन काल के दौरान आतंकवाद की घटनाएं सिर्फ 2,197 हुईं, इन 10 वर्षों में आतंकवाद की घटनाओं में 70% की कमी आई है’
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