नेपाल अपनाएगा भारत की ये कृषि तकनीक, पीएम मोदी के सुझाव के बाद अब ले रहा ट्रेनिंग

अशोक यादव/ कुरुक्षेत्र: हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्य में हो रही प्राकृतिक खेती के बाद अब नेपाल भी इसको अपनाने जा रहा है. इसके लिए नेपाल से 25 कृषि अधिकारियों और किसानों का दल गुरुकुल कुरुक्षेत्र में पहुंचा और यहां पर प्राकृतिक खेती का तीन दिन तक प्रशिक्षण और प्राकृतिक खेती की तकनीक को सीख रहे हैं.

आचार्य देवव्रत हैं प्राकृतिक खेती के जनक

गुजरात के राज्यपाल और गुरुकुल के संरक्षक आचार्य देवव्रत प्राकृतिक खेती के जनक माने जाते हैं.गौरतलब है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नेपाल ने रासायनिक खाद मांगा था तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल को कहा भारत के अंदर धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती देखकर आएं.राज्यपाल डॉ देवव्रत प्राकृतिक खेती के जनक हैं और अब देशभर में इसे बढ़ावा देने की मुहिम चला रहे हैं.

पीएम मोदी के निमंत्रण पर आया नेपाली प्रतिनिधिमंडल

गौरतलब है की नेपाल की ओर से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खेती के लिए रासायनिक खाद की मदद मांगी गई थी इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल को रासायनिक खाद की बजाय प्राकृतिक खेती अपनाने और इसके लिए ट्रेनिंग करवाने का निमंत्रण दिया था और इसका जिम्मा गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को सौंपा था.उसी कड़ी में आज नेपाल के कृषि वैज्ञानिकों को गुजरात के राज्यपाल ने ट्रेनिंग दी है और इस दिशा में काम शुरू कर दिया है.यह पहला मौका है जब दूसरे देश के कृषि अधिकारियों और किसानों का दल प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण ले रहा है.

3 दिन तक सीखेंगे प्राकृतिक खेती की तकनीक

गुरुकुल के प्राकृतिक कृषि केंद्र के संयोजक कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर हरिओम ने बताया कि तीन दिनों तक नेपाल के 25 कृषि अधिकारियों के दल को प्राकृतिक खेती के लिए जीवामृत वर्धन दिखाया गया है और उसके बाद गुरुकुल की प्राकृतिक खेती के बारे में बारीकी से इन्हें बताया और इसकी तकनीक के बारे में समझाया है.

डॉ हरिओम ने बताया कि देश के साथ-साथ अब विदेश के लोग भी प्राकृतिक खेती को अपनाने की दिशा की ओर बढ़ रहे हैं या पूरे देश के लिए गौरव की बात है कि 180 एकड़ में फैली प्राकृतिक खेती का निरीक्षण करवाया.

नेपाल से आए हुए कृषि अधिकारियों ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच संबंध भी अच्छे हैं और हमेशा सुख-दु:ख में एक साथ खड़े रहे हैं. उन्होंने भारत सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि हमें आज भारत की प्राकृतिक खेती देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है और हम जल्द ही प्राकृतिक खेती भी अपनाएंगे.

Tags: Haryana news, Hindi news, Karnal news, Local18

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *