दिलीप चौबे/कैमूर. किसान अब कम समय में अधिक मुनाफा देने वाले फसलों की खेती को तरजीह देने लगे हैं. इसी के मध्य नजर किस अब बड़े पैमाने पर नगदी फसल में सब्जी की खेती करने लगे हैं. सब्जी की खेती में नेनुआ एक बेहतर विकल्प बनकर उभरा है. कम समय में तैयार हो जाने वाली यह हरी सब्जी कसानों को बेहतर मुनाफा भी देती है. कैमूर जिला अंतर्गत भगवा प्रखंड के सियो गांव निवासी अरविंद कुमार मौर्या भी खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. किसान अरविंद ने बताया कि 5 बीघा में नेनुआ की खेती फिलहाल कर रहे हैं. महज 80 से 100 दिनों में हीं नेनुआ का लतर तैयार हो जाती है और फलन भी शुरू हो जाता है. बाजार में हमेशा हरी सब्जियों का डिमांड रहती है.
किसान अरविंदने बताया कि खेती-बाड़ी उनका खानदानी पेशा है. पहले पिताजी खेती किया करते थे. अब खुद पिछले 5 साल से सब्जी की खेती कर रहे हैं. पहली बार पांच बीघा में नेनुआ लगाई है. कोई नैनआ की खेती मचान विधि से कर रहे हैं. मचान विधि से खेती करने का यह फायदा रहता है कि कीड़ा लगने की संभावना कम हो जाती है. पटवन करने में भी समस्या नहीं होती है और फसलों को खाद सहित अन्य पोषक तत्व सीधे मिल जाते हैं. इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ता है और फसल का पैदावार बढ़ जाता है.
हर माह 55 हजार तक की कमाई
किसान अरविंद ने बताया कि नेनुआ का बीज बोने के बाद मात्र 80 से 100 दिन में लतर तैयार हो जाती है. साथ ही फलन भी शुरू हो जाती है. शुरुआती दौर में 35 से 40 रुपए किलो तक बाजार में नेनुआ बिक जाता है. इस बार नेनुआ का फलन बेहतर होने से मुनाफा भी अधिक हुआ है. हर दूसरे दिन एक से डेढ़ क्विंटल नेनुआ खेत से निकल रहा है और व्यापारी खेत पर आकर ले जाते हैं. कभी-कभी तो अपने से बाजार तक पहुंचाना पड़ता है. अरविंद ने बताया कि अगर प्रकृति साथ रहे और मौसम भी अनुकूल हो तो सब्जी उत्पादन से बेहतर किसानों के लिए कोई फसल नहीं हो सकती है. उन्होंने बताया कि 5 बीघा में नेनुआ की खेती में 70 से 80 हजार लागत होती है. वहीं, मुनाफे की बात करें तो हर महीने 50 से 55 हजार रूपए की कमाई हो जाती है. खेती-बाड़ी पर ही परिवार की आजीविका टिकी है.
.
FIRST PUBLISHED : October 29, 2023, 12:27 IST