नई दिल्ली/तेल अवीव9 घंटे पहले
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सोमवार को तेल अवीव में नेतन्याहू के साथ डोभाल। भारत ने गाजा में राहत सामग्री पहुंचाए जाने पर खास जोर दिया है।
नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) अजीत डोभाल ने सोमवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की। नेतन्याहू के ऑफिस ने खुद सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी।
नेतन्याहू के ऑफिस की तरफ से कहा गया- प्रधानमंत्री ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को गाजा में जारी इजराइल और हमास की जंग के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा बंधकों की रिहाई और गाजा में राहत सामग्री पहुंचाने पर भी विचार हुआ।
हमास ने इजराइल के बॉर्डर एरिया पर 7 अक्टूबर 2023 को हमला किया था। 1200 लोग मारे गए थे। 234 लोगों को किडनैप किया गया। इनमें से 103 रिहा किए जा चुके हैं। दूसरी तरफ, हमास का दावा है कि गाजा पर इजराइली हमलों में 31 हजार फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं।
हमास ने सीजफायर प्रपोजल के लिए जो ड्राफ्ट तैयार किया है, उसमें एक मांग यह भी है कि गाजा में फूड और मेडिसिन समेत तमाम सप्लाई बहाल की जाएंगी। (फाइल)
गाजा में भुखमरी का खतरा
- कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि गाजा में पीने के पानी के पानी की जबरदस्त कमी है। इसके अलावा करीब 22 लाख की आबादी के पास हर गुजरते दिन के साथ फूड आयटम्स भी खत्म होते जा रहे हैं। इजराइली हमलों के बीच उन तक उतनी राहत नहीं पहुंच पा रही है, जितनी जरूरत है।
- डोभाल और नेतन्याहू की बातचीत में इस मसले पर भी बातचीत हुई। इसके अलावा बंधकों के मामले पर भी चर्चा हुई। हमास की कैद में अब भी इजराइल के 129 लोग मौजूद हैं। इनमें कुछ गैर इजराइली भी बताए जाते हैं। इजराइल की पहली कोशिश इन्हीं बंधकों को रिहा कराने की है। नेतन्याहू सरकार पर इसके लिए काफी दबाव है, लेकिन वो हमास के आगे झुकने से साफ इनकार करती रही है।
- पिछले दिनों UN की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि गाजा के अलग-अलग हिस्सों में करीब 6 लाख लोग भुखमरी की कगार पर हैं। वेस्टर्न कंट्रीज और खासतौर पर अमेरिका-फ्रांस इजराइल पर दबाव डाल रहे हैं कि वो गाजा में राहत सामग्री पहुंचाने के माकूल इंतजाम करे और इसके लिए कुछ और एंट्री पॉइंट्स खोले जाएं।
सोमवार को तेल अवीव में इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ अजीत डोभाल।
इजराइली NSA से भी मिले डोभाल
- डोभाल ने तेल अवीव में इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जाखी हेंगेबी से भी मुलाकात की। हालांकि, जब नेतन्याहू और डोभाल की बातचीत चल रही थी , उस दौरान भी हेंगेबी मौजूद थे।
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- इजराइल और हमास की जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अरब वर्ल्ड के तमाम नेताओं के संपर्क में हैं। उन्होंने कई बार UAE, कतर, सऊदी अरब, इजिप्ट और जॉर्डन के नेताओं से इस मसले पर बातचीत की है। मोदी ने इन नेताओं से कहा है कि गल्फ रीजन में अमन बहाली के लिए हर जरूरी कदम उठाया जाए। भारत ने गाजा में आम लोगों के मारे जाने पर चिंता भी जताई है।
हमास की मांग है कि सबसे पहले गाजा के बेघर हुए लोगों के हिफाजत से लौटने की गारंटी दी जाए। (फाइल)
सीजफायर पर बात नहीं बनी
- पिछले हफ्ते इजराइल और हमास के बीच सीजफायर के लिए चल रही बातचीत बिना किसी फैसले के खत्म हो गई थी। यह बातचीत इजिप्ट की राजधानी काहिरा में चल रही थी। अमेरिका, इजिप्ट, कतर, इजराइल और हमास किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके। सिर्फ एक अच्छी खबर है कि सभी पक्ष बातचीत जारी रखने पर सहमत हो गए हैं।
- ज्यादातर पक्ष चाहते थे कि रमजान के पहले सीजफायर हो जाए, लेकिन सहमति नहीं बन सकी। हमास के प्रवक्ता ने माना है कि बातचीत जारी रहेगी, लेकिन इसके लिए तारीख तय नहीं है।
- इजिप्ट के एक अफसर ने ‘अरब न्यूज’ से कहा- हमास ये तो चाहता है कि रमजान के पहले सीजफायर का ऐलान हो, लेकिन उसकी शर्तें अजीब हैं। फिर भी सुकून इस बात का है कि ये बातचीत अगले हफ्ते जारी रहेगी। हो सकता है रविवार से हम एक बार फिर इस मसले पर विचार करें।
- दूसरी तरफ, हमास के स्पोक्सपर्सन जिहाद ताहा ने कहा- सीजफायर के बारे में हम कोई गारंटी नहीं दे सकते। जो लोग बेघर हुए हैं, उन्हें पूरी हिफाजत के साथ घर लौटने की गारंटी मिलनी चाहिए। अगले हफ्ते बातचीत शुरू होगी तो कुछ मुद्दों पर तस्वीर साफ हो जाएगी।
- इजिप्ट के अफसरों का दावा है कि हमास परमानेंट सीजफायर चाहता है, जबकि बाकी पक्ष चाहते हैं कि 6 हफ्ते का सीजफायर हो और इसके लिए फेज तय किए जाएं। इसके अलावा पहले पहले फेज में वो 40 बंधकों को रिहा करने के मामले में भी खुलकर कोई भरोसा नहीं दिला रहा है।