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तेल अवीव4 घंटे पहले
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इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बेटे येर नेतन्याहू ने अपने ही देश की फौज और अदालतों की आलोचना की है। (फाइल)
इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है। इस बीच, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बेटे येर नेतन्याहू ने 7 अक्टूबर के हमलों के लिए हाईकोर्ट के एक फैसले और इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) की नाकामी को जिम्मेदार ठहराया है।
‘यरूशलम पोस्ट’ के मुताबिक- येर की इस हरकत का जवाब IDF रिजर्व फोर्स ने दिया। इसने एक बयान में कहा- आपने ये बयानबाजी ऐसे मौके पर की है, जब हम अपने 8 शहीदों को खोने का दुख मना रहे हैं। अच्छा होगा आप चुप रहें।
येर के बयानों से नया विवाद
- ‘यरूशलम पोस्ट’ के मुताबिक- येर नेतन्याहू ने अपने टेलिग्राम चैनल पर एक पोस्ट में IDF, हाईकोर्ट और मीडिया को निशाना बनाया। सबसे पहले उन्होंने हाईकोर्ट पर निशाना साधा। कहा- हाईकोर्ट ने IDF की गाजा बॉर्डर पर तैनाती के नियमों में बदलाव किया। इसकी वजह से हमास आतंकी इजराइल की बॉर्डर में घुस सके।
- इसके बाद उन्होंने 7 अक्टूबर को हुए हमास के हमलों की वजह IDF की नाकामी बताई। येर के मुताबिक- IDF ने ही फैसला किया था कि गाजा स्ट्रिप में फ्यूल सप्लाई नहीं रोकनी चाहिए।
- येर की इस बयानबाजी का जवाब IDF रिजर्विस्ट्स ऑर्गनाइजेशन ने दिया। एक बयान में संस्था ने कहा- सबसे पहले आपको फैक्ट्स देखने चाहिए। आपका अहंकार बोल रहा है। गलतियों के कसूरवार आपके पिता हैं, उन्हें इसका अफसोस होना चाहिए। देश के लिए जो सैनिक शहादत दे रहे हैं, हम उनके साथ हैं। आप तो यहां से भाग खड़े हुए। ऐसे वक्त जबकि हम अपने आठ सैनिकों की शहादत पर दुखी हैं, अच्छा होगा आप चुप रहें।
गाजा के अल शिफा हॉस्पिटल में हालात बद से बदतर हैं। WHO की टीम ने इस अस्पताल का दौरा किया है।
फिलिस्तीन मुद्दे पर चीन में मीटिंग
- गाजा में जारी जंग को रुकवाने के लिए डिप्लोमैटिक लेवल पर कोशिशें तेज हो गई हैं। फिलिस्तीन अथॉरिटी के आला अफसर और चार मुस्लिम देशों के विदेश मंत्री सोमवार को चीन पहुंच रहे हैं।
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- सऊदी अरब, जॉर्डन, इजिप्ट और इंडोनेशिया के विदेश मंत्री सोमवार को बीजिंग पहुंच रहे हैं। इनके अलावा ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) के सेक्रेटरी जनरल भी यहां होंगे।
- चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने रविवार को कहा- हम इन सभी मेहमानों के साथ इस मामले पर गंभीरता से विचार करेंगे। अरब और इस्लामिक देशों के साथ फिलिस्तीन के मुद्दे पर तफ्सील से बातचीत होगी। सबसे पहला काम आम नागरिकों को बचाना है। इसके अलावा उन तक राहत सामग्री पहुंचाना भी एक अहम मुद्दा है।
भारत ने मदद भेजी
इजराइल-हमास जंग के बीच भारत ने फिलिस्तीनियों की मानवीय मदद के लिए 32 टन जरूरी सामान C-17 एयरक्राफ्ट के जरिए मिस्र भेजा है। दूसरी तरफ, UN ने बताया है कि अल-शिफा अस्पताल में अब भी 25 स्टाफ, 291 मरीज और 32 नवजात मौजूद हैं। इन बच्चों की हालात बेहद गंभीर है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने घोषणा की है कि गाजा का अल-शिफा अस्पताल डेथ जोन बन चुका है।
अमेरिकी मीडिया वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इजराइल, अमेरिका और हमास के बीच बंधकों को आजाद करने के लिए जल्द ही डील होने वाली है। रिपोर्ट के मुताबिक, कतर के जरिए हो रहे इस समझौते के तहत बंधकों को छोड़ने के बदले 5 दिन का सीजफायर हो सकता है। वहीं व्हाइट हाउस प्रवक्ता ने कहा कि फिलहाल कोई डील नहीं हुई है।
खान यूनिस के नासेर अस्पताल में घायलों को इलाज के लिए ले जाते फिलिस्तीनी।
इजराइली रक्षा मंत्री बोले- सिर्फ अपनी जान बचाना चाहता है हमास
PM नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल पर जंग के बीच अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तरफ से लगातार दबाव बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा- गाजा और उसके बाहर मौजूद हमास के लोग हमारे लिए जिंदा लाश हैं। हमास चीफ इस्माइल हानिये का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा- चाहे हमास लड़ाके के हाथ में राइफल हो या चाहे उसने सूट पहन रखा हो, हमारे लिए सब एक जैसे हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा- हम जमीनी ऑपरेशन के दूसरे स्टेज में हैं और सेना जल्द ही साउथ गाजा में भी हमास तक पहुंच जाएगी। हमास अपनी सुरंगों, बंकर और ठिकानों को खो रहा है। हम उनके कई सीनियर कमांडरों को मार गिरा चुके हैं। हमास सिर्फ लड़ाई की ही भाषा जानता है। उसका इकलौता मकसद अब अपनी जान बचाना है। हम अपने बंधकों को भी जल्द छुड़ा लेंगे।
फुटेज में फिलिस्तीनी नॉर्थ गाजा और अल-शिफा अस्पताल छोड़कर जाते नजर आ रहे हैं।
इजराइल में 30 हजार लोगों ने नेतन्याहू का ऑफिस घेरा
इजराइल में तेल अवीव से शुरू हुई रैली शनिवार देर रात यरुशलम पहुंची। इसमें लगभग 30 हजार लोग शामिल हुए, जिन्होंने नेतन्याहू के ऑफिस को घेर लिया। इन लोगों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द हमास की कैद से बंधकों को छुड़ाए। इजराइली मीडिया यरुशलम पोस्ट से एक बंधक की मां ने कहा- हम पांच दिन से लगातार चल रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा- मेरे पैर दर्द कर रहे हैं, कंधे दर्द कर रहे हैं, पर उतना नहीं जितना मेरा दिल दुख रहा है। मुझे और चलना पड़ा तो मैं और चलूंगी। गाजा जाना पड़ा तो वहां भी जाऊंगी। बंधकों के परिवार वालों की मांग है कि सरकार उन्हें बताए कि वो लोगों को छुड़ाने के लिए क्या कर रही है।
वहीं, इजराइली सेना गाजा में घुसती जा रही है। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक IDF गाजा पट्टी के जबालिया और जैतूम इलाके तक पहुंच चुकी है। सेना साउथ गाजा के लोगों को इलाकों को खाली कर अब पश्चिम में जाने को कह रही है।
बंधकों को छुड़ाने की मांग के साथ इजराइल में करीब 30 हजार लोगों ने रैली निकाली।
अरब देश इजराइल की बनाई मुसीबत से नहीं निपटेंगे
मिडिल ईस्ट के देश जॉर्डन ने कहा है कि जंग के बाद अरब देश गाजा में पीस कीपिंग मिशन के लिए अपने सैनिक नहीं भेजेंगे। जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी ने कहा कि गाजा में मुसीबत इजराइल ने पैदा की है, लोग रोज मारे जा रहे हैं। इजराइल ये उम्मीद न करे कि अरब देश इससे पैदा होने वाली समस्याओं से निपटने में उसकी मदद करेंगे।
इजराइली सेना का कहना है कि वो हमास का खात्मा करेगी, इसके लिए उसे चाहे कहीं भी जाना पड़े।
UN के स्कूल पर हमला, 50 की मौत
गाजा की हेल्थ मिनिस्ट्री ने दावा किया है इजराइली सेना ने उत्तरी गाजा में अल-फखूरा नाम के एक स्कूल पर अटैक किया, इसमें 50 लोगों की मौत हो गई। इजराइली सेना ने दक्षिणी गाजा में भी खान यूनिस इलाके पर स्ट्राइक की थी। इसमें दर्जनों लोग मारे गए थे।
इससे पहले इजराइली सेना की कार्रवाई के बीच मरीजों और स्टाफ ने गाजा के अल-शिफा अस्पताल को खाली करना शुरू कर दिया। कतर मीडिया हाउस अलजजीरा के मुताबिक मरीज और स्टाफ पैदल ही सफेद झंडे लेकर उत्तरी गाजा छोड़कर निकल रहे हैं।
इसी बीच एक फिलिस्तीनी महिला अबु शनाब ने अलजजीरा को बताया कि अस्पताल छोड़ रही महिलाओं की कपड़े उतरवाकर तलाशी ली जा रही है। शनाब के मुताबिक इजराइली सेना ने कई लोगों को बंधक भी बनाया है। उन्हें न तो पानी दिया जा रहा है और न ही खाना।
वहीं, अल-शिफा के डॉक्टर ने दावा किया था कि इजराइली सेना ने अल-शिफा अस्पताल खाली करने के लिए 1 घंटे का समय दिया है। IDF ने इन दावों को खारिज कर दिया है।
इजराइल-हमास जंग से जुड़ी तस्वीरें…
गाजा में खाने का सामान लेने के लिए जुटी लोगों की भीड़।
गाजा के खान यूनिस के नासेर अस्पताल में घायल महिला को लाते अस्पतालकर्मी।
साउथ गाजा में शेल्टर में हजारों फिलिस्तीनियों ने पनाह ले रखी है।
गाजा में घायल हुए बच्चों को इलाज के लिए मिस्र पहुंचाया गया है।
इजराइली हमले में अपनों को खोने के बाद शव के पास बैठकर रोता व्यक्ति।
‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’
हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया है। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच क्यों है विवाद?
मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है।
गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।