कांग्रेस के पूर्व विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने राम मंदिर के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने के लिए ‘ग्रैंड ओल्ड पार्टी’ पर निशाना साधा है और उनके सलाहकारों पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने (राम मंदिर आंदोलन में) संघर्ष किया, वे स्पष्ट रूप से (प्राणप्रतिष्ठा के संबंध में) निर्णय लेंगे। उन्होंने निर्णय ले लिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जहां तक निमंत्रण की बात है तो इसे अस्वीकार करने का मतलब क्या है? हम क्या संदेश भेज रहे हैं? जब राजीव गांधी ने इसे खुलवाया तो आप कौन होते हैं इसे अस्वीकार करने वाले? अगर हमारा नेतृत्व ऐसे सलाहकार रखेगा तो नतीजे वही होंगे जो अब तक आए हैं…नुकसान हो चुका है, चुनाव में दिखेगा।
राम मंदिर प्राणप्रतिष्ठा पर कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह के बयान के बारे में पूछे जाने पर उनके भाई और पूर्व कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह कहते हैं, “दिग्विजय सिंह ‘ज्ञानी महापुरुष’ हैं और मुझसे कहीं ज्यादा जानते हैं। मैं उनके बारे में कुछ नहीं बोल सकता।” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी को (अयोध्या) जाना चाहिए, हम हर साल वहां जाएंगे। हमारी भक्ति भगवान राम में निहित है। वहीं, राम मंदिर प्राणप्रतिष्ठा समारोह पर कांग्रेस पार्टी के रुख पर पार्टी सांसद कार्ति चिदंबरम कहते हैं, “यह व्यक्तिगत आस्था का मामला है लेकिन मैं अपनी पार्टी द्वारा लिए गए फैसले पर कायम हूं। मुझे लगता है कि यह सही फैसला है और मैं इस फैसले का समर्थन करता हूं। कांग्रेस पार्टी…मैं पार्टी के फैसले का समर्थन करता हूं, उसका समर्थन करता हूं और उसके साथ खड़ा हूं।”
राम मंदिर प्राणप्रतिष्ठा पर कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह के बयान पर पार्टी नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राजनेताओं को धर्म की व्याख्या करने से बचना चाहिए…भगवान राम का मंदिर यहां है, इसका स्वागत करें…यह भारत का गौरव है, यह सनातन का उत्सव है। रुकावटें डालना बंद करो. मैं सभी राजनेताओं से निमंत्रण स्वीकार करने की अपील करता हूं।’ राम सबके हैं…निमंत्रण अस्वीकार करना दुर्भाग्यपूर्ण है।’ उन्होंने कहा कि हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हम राम मंदिर का निर्माण पूरा होते देख सकते हैं…मुझे लगता है कि 22 जनवरी भारत में राम राज्य की पुनः स्थापना की तारीख है।
#WATCH | Bhopal, Madhya Pradesh | Congress MP Digvijaya Singh’s brother and former Congress MLA Lakshman Singh says, “…Those who fought (in Ram Temple movement) will obviously make the decision (regarding pranpratishtha). They have made the decision. As far as invitation is… pic.twitter.com/ZFtZhdJkN7
— ANI (@ANI) January 12, 2024