संजय यादव/बाराबंकी. मत्स्य पालन व्यवसाय बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के तौर पर उभर कर सामने आ रहा है. खास कर पढ़े लिखे और तकनीकी क्षेत्र में जानकारी रखने वाले आगे आकर अपना स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं. बाराबंकी जिले के एमएससी पास नीरज ने नौकरी के लिए भटकने से बेहतर अपना स्वंय का स्वरोजगार करने का ठाना और मत्स्य पालन विभाग से संपर्क कर मछली पालन के लिए केंद्र सरकार की नीली क्रांति योजना का सहारा लेकर 3 लाख 60 हजार की आर्थिक मदत प्राप्त किया.
बाराबंकी जिले में मत्स्य बीज संवर्दन यूनिट स्थापित कर नीरज ने अपने स्वंय के स्वरोजगार की शुरुआत की.साथ ही छोटे भाई पंकज को भी साथ लेकर लाखों की कमाई कर नीरज ने बाराबंकी जिले में अपनी एक अलग पहचान बनाई. नीरज के इस मत्स्य बीज संवर्दन यूनिट से क्षेत्र के कई बेरोजगारों को रोजगार भी मिला है.
लाखों में हो रहा मुनाफा
जनपद बाराबंकी के रामनगर निवासी नीरज कुमार ने बताया कि हमने ग्रेजुएट करके प्राइवेट नौकरी की उसमें हमें कोई लाभ नहीं मिला. हमने सोचा क्यों ना अपना स्वयं का काम कियाजाए फिर हमने मत्स्य पालन विभाग से संपर्क किया. वहां से हमे मछली पालन के लिए नीली क्रांति योजना के बारे में जानकारी हुई. उसके बाद हमने मछली पालन शुरुआत की आज हमें 7 से 8 लाख रुपये सलाना मुनाफा कमा रहे है. यह बहुत अच्छी योजना है इस योजना के तहत हम अपने और भी भाइयों से कहना चाहते हैं की मछली पालन करें इसे अपनी आय बढ़े.
सरकारी अनुदान भी मिल रहा
मत्स्य विकास अधिकारी रमेश चंद्र ने बताया कि हमारी जो दो किसान भाई हैं इन्हें नीली क्रांति योजना मत्स्य बीज संवर्धन यूनिट इनको दिया गया. इनका एक हेक्टेयर का तालाब था. जिसमें इनको 3 लाख 60 हजार रुपये का सरकारी अनुदान मिला था. उसके बाद इन्हें रोजगार मुहैया हुआ आज यह मछली पालन से 7 से 8 लख रुपए मुनाफा कमा रहे हैं और लोगों को रोजगार दे रहे हैं. यह हमारे विभाग की बहुत अच्छी योजना है जिससे लोगों को अच्छा मुनाफा हो रहा है.
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FIRST PUBLISHED : September 26, 2023, 23:44 IST