स्विस टेनिस स्टार रोजर फेडरर और भारतीय ओलंपिक चैम्पियन एथलीट नीरज चोपड़ा हाल में एक मुलाकात के दौरान एक दूसरे की उपलब्धियों की प्रशंसा करते दिखे।
दोनों को अपनी सफलता, ख्याति और विरासत का कोई गुमान नहीं। बस एक दूसरे की प्रशंसा किये जा रहे। इस बातचीत में एक दूसरे की सफलता और समर्पण के प्रति आपसी सम्मान साफ दिखा।
‘स्विट्जरलैंड टूरिज्म’ द्वारा आयोजित इस मुलाकात में 20 बार के ग्रैंडस्लैम विजेता फेडरर और भारत के विश्व चैम्पियन चोपड़ा ज्यूरिख में मौजूद थे।
ऐसा हालांकि रोज रोज नहीं होता कि खेल के प्रति ऐसे दो जुनूनी खिलाड़ी एक साथ बातचीत के मौजूद हों जिन्होंने अपनी उपलब्धियों से अपने देशों को गौरवान्वित किया हो।
फेडरर ‘स्विट्जरलैंड टूरिज्म’ के वैश्विक दूत हैं, उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात से हैरान हूं कि नीरज ने अपने दृढ़ संकल्प और जज्बे से व्यक्तिगत तौर पर और अपने देश के लिए कितना कुछ हासिल किया है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ज्यूरिख में यहां उनसे मिलना शानदार है। ’’
टेनिस कोर्ट के अंदर और बाहर इतने लंबे समय तक खेलने और अपने कौशल के लिए मशहूर फेडरर ने चोपड़ा का अपने देश में गर्मजोशी से स्वागत किया। चोपड़ा भी ‘स्विट्जरलैंड टूरिज्म’ के मैत्री दूत हैं। वहीं भारत के इस 26 साल के स्टार एथलीट के लिए यह ‘सपना सच होने वाला’ पल था।
चोपड़ा ने कहा, ‘‘ज्यूरिख में रोजर फेडरर से मिलना मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है। मैंने हमेशा उनके कौशल, खेल भावना और दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करने की काबिलियत को सराहा है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘पर आज उनकी विनम्रता ने मुझे प्रेरित किया जिससे मैं उनके जैसी शख्सियत की उपस्थिति में बहुत ही सहज महसूस कर रहा हूं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने मैदान के अंदर और बाहर अपने जुनून और अनुभवों को साझा करते हुए शानदार समय बिताया। ’’
फेडरर ने चोपड़ा को अपने हस्ताक्षर वाला टेनिस रैकेट प्रस्तुत किया जबकि भारतीय खिलाड़ी ने हस्ताक्षर वाली एशियाई खेलों की जर्सी पूर्व नंबर एक टेनिस खिलाड़ी को उपहार में दी।
चोपड़ा ने 2021 तोक्यो ओलंपिक में भारत को दूसरा व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक दिलाया था। वह इस साल पेरिस ओलंपिक में भी यही उपलब्धि दोहराने की उम्मीद लगाये हैं।
तोक्यों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद से चोपड़ा ने विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में एक रजत और स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है।
उन्होंने पिछले साल हांगझोउ में जकार्ता एशियाड का अपना स्वर्ण पदक भी बरकरार रखा।
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